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Foxconn deal: सुर्खियां बटोर रहा कर्नाटक का लेबर लॉ संशोधन, क्या तमिलनाडु भी अपनाएगा यही रास्ता

24 फरवरी को कारखाना (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2023 के तहत राज्य विधानसभा में इन बदलाव को बिना किसी बहस के पारित कर दिया गया था क्योंकि विपक्ष ने विरोध में बहिर्गमन किया था।

Last Updated- March 26, 2023 | 9:50 PM IST
Apple awas yojna

कर्नाटक में फॉक्सकॉन (Foxconn) द्वारा 8,000 करोड़ रुपये के निवेश के फैसले को राज्य सरकार ने सोमवार को मंजूरी दे दी। इससे राज्य के श्रम कानूनों (labour laws) के हालिया बदलाव सुर्खियों में आ गए हैं, जो कारखानों में 12 घंटे की पाली और महिलाओं के लिए रात के समय काम करने की अनुमति देते हैं।

24 फरवरी को कारखाना (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2023 के तहत राज्य विधानसभा में इन बदलाव को बिना किसी बहस के पारित कर दिया गया था क्योंकि विपक्ष ने विरोध में बहिर्गमन किया था। ऐसे में ये बदलाव लगभग नजरअंदाज कर दिए गए थे।

इससे पहले किसी कारखाने की पाली नौ घंटे से ज्यादा नहीं हो सकती थी और महिलाओं को रात की पाली में काम करने की इजाजत नहीं थी। नया कानून तीन महीने की अवधि में ओवरटाइम के घंटे भी 75 से बढ़ाकर 145 कर देता है।

इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि इन बदलावों ने फॉक्सकॉन सौदा निपटाने में अहम भूमिका निभाई है। ऐपल (Apple) के आईफोनों (iPhones) का निर्माण करने वाली कंपनी के रूप में प्रसिद्ध दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता के बारे में मानाा जाता है कि वह इन कानूनों के संबंध में कुछ समय से राज्य के साथ बातचीत में लगी थी। दिलचस्प बात यह है कि इन नए कानूनों का नियोजित लाभार्थी सॉफ्टवेयर क्षेत्र था।

कर्नाटक के श्रम मंत्री ​शिवराम हेब्बार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘नए नियमों का लक्ष्य सॉफ्टवेयर उद्योग था। ये नियम उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं, जो सॉफ्टवेयर उद्योग में काम कर रहे हैं क्योंकि वे छह दिन का काम चार दिन में पूरा कर सकते हैं और हर सप्ताह तीन दिन की छुट्टी ले सकते हैं। यह किसी को काम के वास्ते बाध्य करने के लिए नहीं है।’

राज्य सरकार ने कहा कि इन सुधारों में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा। यह छूट एक सप्ताह में 48 घंटे की कार्य सीमा और रात की पाली के दौरान महिलाओं के लिए काम के सुरक्षित और स्वस्थ माहौल पर निर्भर करती है। यह पाली शाम 7 बजे से सुबह छह बजे तक की है।

कर्नाटक उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ये श्रम सुधार केवल ऐपल और उसकी विनिर्माण भागीदार फॉक्सकॉन को लुभाने के लिए नहीं थे। अधिकारी ने कहा कि तथ्य यह है कि ये सुधार फॉक्सकॉन के निवेश प्रस्ताव के प्रकाश में आने से कम से कम तीन सप्ताह पहले किए गए थे।

सोमवार को कर्नाटक की उच्च-स्तरीय मंजूरी समिति की 61वीं बैठक में फॉक्सकॉन परियोजना सहित 75,393.57 करोड़ रुपये के कुल निवेश वाली 18 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के मुख्य कार्या​धिकारी और अध्यक्ष के कृष्ण मूर्ति ने कहा कि श्रम कानूनों के उदारीकरण का राज्य में स्टार्टअपों और सेमीकंडक्टर विनिर्माण तंत्र पर बहुआयामी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आशा जताई कि अन्य राज्य श्रम सुधारों के संबंध में कर्नाटक के मार्ग का अनुसरण करेंगे।

यह भी पढ़ें : iPhone के बाद अब भारत में बनेंगे Apple Airpod, नया प्लांट लगाने की तैयारी में फॉक्सकॉन

कर्नाटक का पड़ोसी राज्य तमिलनाडु पहले ही अपने कारखानों की पाली को और अधिक लचीला बनाने की योजना बना रहा है, जो फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन जैसे ऐपल की ठेकेदारों के लिए उपयुक्त हो सकता है। वैश्विक बड़ी कंपनियों द्वारा भारत में स्थानांतरित होना उनकी रणनीति का हिस्सा थी, ताकि चीन में विनिर्माण पर निर्भरता कम की जा सके। रिपोर्टों में कहा गया है कि ऐपल वर्ष 2025 तक कम से कम एक चौथाई विनिर्माण भारत में स्थानांतरित करना चाह रही थी।

First Published - March 26, 2023 | 7:34 PM IST

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