देश की सबसे बड़ी आवास ऋण प्रदाता एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के प्रस्तावित विलय पर नियामक का नजरिया उचित और न्यायसम्मत होने की उम्मीद जताई। साथ ही उन्होंने शेयरधारकों से धैर्य रखने को कहा।
पारेख ने सालाना रिपोर्ट में शेयरधारकों को अपने नोट में कहा कि 67 साल तक लाखों लोगों को घर देने के शानदार सफर के बाद एचडीएफसी के लिए नया ‘घर’ तलाशना सही है। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक ने अप्रैल में विलय सौदे की योजना का ऐलान किया था, जो पूरी तरह शेयरों में होना है। इसके लिए सभी तरह की नियामकीय मंजूरी 15 से 18 महीने में मिलने के आसार हैं। एचडीएफसी बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से आग्रह किया है कि उसे नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर), सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) और प्राथमिक क्षेत्र को ऋण के लक्ष्यों जैसी विभिन्न नियामकीय शर्तें पूरी करने के लिए कुछ समय और दिया जाए। पारेख ने एचडीएफसी के शेयरधारकों को अपने नोट में कहा, ‘अब हम आगे बढ़ने के लिए नियामकीय निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। हम अपने सभी नियामकों का सम्मान करते हैं और हमें पूरा भरोसा है कि व्यवस्था के स्तर पर नतीजा न्यायसम्मत और उचित होगा।’
एचडीएफसी की लोन बुक 31 मार्च 2022 को 5.7 लाख करोड़ रुपये थी। बैंकों के लिए 4.5 फीसदी सीआरआर और 18 फीसदी एसएलआर बनाए रखना जरूरी है। इसके अलावा वाणिज्यिक बैंकों को 40 फीसदी कर्ज प्राथमिक क्षेत्रों को देना होता है। प्राथमिक क्षेत्र के इस ऋण में भी 18 फीसदी हिस्सेदारी कृषि क्षेत्र की होनी चाहिए।
एचडीएफसी बैंक को विलय के पहले दिन से इन नियामकीय शर्तों को पूरा करना होगा। यह उसके लिए चुनौतीपूर्ण होगा। इसीलिए उसने शर्तें पूरी करने का कोई रास्ता मुहैया कराने को कहा है।
पारेख ने कहा, ‘हम इस सौदे के पेचों से जूझ रहे हैं। इसलिए मेरा आग्रह है कि शेयरधारक धैर्य बनाए रखें। हमें आपके भरोसे और सहयोग की पहले से ज्यादा जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि आवास ऋण बढ़ाने का सबसे बेहतर तरीका इसे बैंकिंग ढांचे के दायरे में लाना है। इससे कर्ज के लिए अधिक संसाधन कम लागत पर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा, ‘नियामकीय नजरिये से सभी बड़े आवास ऋण प्रदाताओं के लिए एकसमान स्तर और समान नियमों पर परिचालन करना उचित है। वैश्विक स्तर पर भी बैंकों में मॉर्गेज परिसंपत्तियों का आकार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की तुलना में काफी अधिक है।’ उन्होंने कहा कि देश में अगले 5 साल में आवास ऋण बाजार दोगुना यानी करीब 600 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है।