एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कायाधिकारी आदित्य पुरी ने कहा है कि उनका पसंदीदा उत्तराधिकारी आंतरिक उम्मीदवार है, जो बैंक के साथ 25 साल से जुड़ा हुआ है। हालांकि उन्होंने उस उम्मीदवार का नाम नहीं बताया।
शनिवार को बैंक के वर्चुअल एजीएम में पुरी ने शेयरधारकोंं से कहा, वह हमारे साथ 25 साल से काम कर रहे हैं। कम से कम मेरे दिमाग में उत्तराधिकारी का नाम हमेशा रहा है। उस उम्मीदवार के प्रशिक्षण व कारोबारी समझ पर उन्होंने कहा कि उस उम्मीदवार ने काफी कुछ सीखा है।
पुरी को एचडीएफसी बैंक को संपत्ति के लिहाज से निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक बनाने का श्रेय जाता है। बैंंकिंग व उद्योग जगत यह जानने के लिए बेताब है कि कौन पुरी का उत्तराधिकारी बनेगा। इस साल मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक ने आंतरिक उम्मीदवार शशिधर जगदीशन और के. भरूचा और सिटी के सुनील गर्ग का नाम संभावित उम्मीदवार के तौर पर छांटा है। जून में बैंक ने कहा था कि उसने आरबीआई के पास तीन नाम भेजा है। पुरी ने कहा, अब सबकुछ आरबीआई पर निर्भर करता है। पुरी ने दोहराया कि बैंक के लिए उत्तराधिकारी चुनना कोई समस्या नहीं रही है।
जगदीशन बैंक के साथ 1996 से हैं और वह मैनेजर के तौर पर बैंंक से जुड़े थे। उन्हें हाल में चेंज एजेंट और वित्त, मानव संसाधन, कानूनी, प्रशासन , बुनियादी ढांचा, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन और सीएसआर का प्रमुख नियुक्त किया गया है। भरूचा बैंक के साथ 1995 से हैं और अभी थोक बैंकिंग में कार्यकारी निदेशक हैं। एचडीएफसी बैंक को उपभोक्ता कारोबार केंद्रित बैंक के तौर पर पहचाना जाता है।
शनिवार को पुरी ने यह भी कहा कि अप्रैल संकट के बाद अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है, लेकिन उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अलग-अलग इलाकों में होने वाले आंशिक लॉकडाउन से परेशानी हो सकती है। पुरी ने कहा, बैंक को उम्मीद है कि अल्पावधि में आरबीआई ब्याज दरों में 50 आधार अंक तक की कटौती करेगा।
उनके मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान 12 लाख खाते खुले, जो लॉकडाउन से पूर्व की अवधि का 80 फीसदी है। उन्होंंने उम्मीद जताई कि सितंबर तक बैंक पहले के औसत पर लौट आएगा। किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गई है और फील्ड में मौजूद सेल्स फोर्स को कर्ज संग्रह की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा, 30 जून तक 9 फीसदी ग्राहकों ने कर्ज चुकाने में मोहलत का विकल्प चुना था।
पुरी को पिछले साल मिला सबसे ज्यादा वेतन
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी बीते वित्त वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक वेतन-भत्ता पाने वाले बैंकर रहे हैं। बीते वित्त वर्ष में पुरी का वेतन और अन्य लाभ 38 फीसदी बढ़कर 18.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार पुरी को बीते वित्त वर्ष में शेयर विकल्प का इस्तेमाल करने पर 161.56 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त हुए हैं। पुरी इस साल अक्टूबर में 70 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। 2018-19 में उन्हें शेयर विकल्प के रूप में 42.20 करोड़ रुपये मिले थे।
बताया जाता है कि पुरी के उत्तराधिकारी के रूप में जिन उम्मीदवारों के नाम पर विचार चल रहा है, उनमें समूह प्रमुख शशिधर जगदीशन भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार जगदीशन को बीते वित्त वर्ष में 2.91 करोड़ रुपये का वेतन मिला। देश के निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संदीप बख्शी को (सीईओ) को पूर्ण रूप से प्रमुख के रूप में पहले साल यानी बीते वित्त वर्ष में 6.31 करोड़ रुपये का वेतन और अन्य लाभ मिला है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसी तरह ऐक्सिस बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अमिताभ चौधरी को 2019-20 में कुल 6.01 करोड़ रुपये का पारिश्रमिक मिला। 2018-19 की अंतिम तिमाही में उन्हें 1.27 करोड़ रुपये का वेतन-भत्ता मिला था। कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक के वेतन में बीते वित्त वर्ष में गिरावट आई। उनके पास बैंक की 26 फीसदी हिस्सेदारी भी है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्त वर्ष में कोटक का कुल वेतन 2.97 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 3.52 करोड़ रुपये से 18 फीसदी कम है।