Elon Musk China Visit: भारत में टेस्ला (Tesla) की कारों को लेकर काफी दिनों से इंतजार चल रहा है। पिछले हफ्ते ही ईलान मस्क (Elon Musk) को भारत आना था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई मंत्रियों और उद्योगपतियों से मुलाकात करनी थी। लेकिन उन्होंने भारत का प्लान कैंसिल कर दिया और आज बिना किसी घोषणा के चीन पहुंच गए। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान वे चीन के कई अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और फुल सेल्फ ड्राइविंग (FSD) सॉफ्टवेयर के रोलऑउट को लेकर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि मस्क को 21 और 22 अप्रैल को भारत के दौरे पर आना था, लेकिन उससे एक दिन पहले यानी 20 अप्रैल को उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपने भारत न आने की सूचना दी और कहा कि जल्द ही वे इसी साल के अंदर भारत का दौरा करेंगे।
स्पेसएक्स (SpaceX ) में रजिस्टर्ड एक गल्फस्ट्रीम स्थानीय समय दोपहर करीब 2 बजे बीजिंग में उतरा। मस्क की यात्रा योजनाओं से परिचित एक व्यक्ति ने ब्लूमबर्ग को बताया वह आज यानी रविवार को बीजिंग में रहेंगे।
मस्क देश में फुल सेल्फ-ड्राइविंग या FSD पर बातचीत करने के लिए चीन में हैं। Tesla अपनी ऑटोपायलट टेक्नोलॉजी के सबसे एडवांस्ड वर्जन FSD को नए बाजारों में लाने पर काम कर रही है।
बता दें कि इसी महीने ही टेस्ला CEO मस्क ने एक X यूजर को रिप्लाई देते हुए कहा था कि चीन में जल्द ही FSD सॉफ्टवेयर लाया जा सकता है। यूजर ने सवाल किया था कि चीन में कब अमेरिकी EV कारमेकर FSD लॉन्च करने वाली है। टेस्ला ने हाल ही में अमेरिका में भी FSD की कीमत को 12,000 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 8,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया था। जबकि, 2015 में जब इसकी कीमत 15,000 डॉलर थी तो मस्क ने कहा था कि यह अभी बहुत कम है। अगर उनकी कार पूरी तरह से ड्राइवरलेस हो जाती है तो इसकी वैल्यू काफी ज्यादा बढ़ जाएगी।
एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेड सिस्टम (ADAS) चीन के ईवी मार्केट में तेजी से फैल रहा है और साथ ही साथ Tesla के कारों की बिक्री कम होती जा रही है। यानी इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में मस्क की कंपनी की हिस्सेदारी कम होती जा रही है। इसकी वजह यह है कि Xpeng Inc., Xiaomi Corp. और Huawei Technologies Co. के मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स सहित कई लोकल कंपनियां अपने वाहनों के सेलिंग पॉइंट के रूप में कम लागत वाली नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रही हैं और इसके चक्कर में अमेरिकी कंपनियों पर कारों की कीमत घटाने का जबाव बढ़ता जा रहा है।
टेस्ला अपनी सबसे बड़ी नौकरी संकट से गुजर रही है। इसने अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में EV की कीमतें कम कर दी हैं। इसके बाद निराशाजनक कमाई हुई। ऐसे में कंपनी को कमजोर ग्रोथ ऑउटलुक को देखते हुए सस्ते दामों में EV कारें लॉन्च करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि साल 2019 में शंघाई में बनी टेस्ला की फैक्टरी से दुनियाभर में डिलीवर होने वाली कुल कारों का आधा प्रोडक्शन किया जाता है।
इसकी कारों को चीन के सैन्य परिसरों (military compounds ) और कुछ अन्य सरकारी जगहों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। वजह मानी जा रही है कि इसके वाहनों को शायद चलाने के लिए लगाए गए कैमरों पर साइबर सुरक्षा (cybersecurity ) से जुड़ी चिंताएं हैं।
टेस्ला की शंघाई फैक्ट्री, 2019 में स्थापित, इलेक्ट्रिक कारमेकर की वैश्विक डिलीवरी का आधे से अधिक उत्पादन करती है।
हाल ही में Tesla ने अपनी फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) (सुपरवाइज्ड) सॉफ्टवेयर का अपडेट v12.3.5 लेकर आई है। v12.3.5 सॉफ्टवेयर अपडेट 2024.3.20 के हिस्से के रूप में जारी किया गया है। पिछले महीने के अंत में कंपनी द्वारा आधिकारिक तौर पर ‘supervised’ के लिए ‘beta’ शब्द को हटाने के बाद, पिछले कुछ महीनों से धीरे-धीरे अपने v12 सॉफ्टवेयर के नए वर्जन पेश कर रही है।
टेस्ला ने कहा कि वह आने वाले महीनों में अपनी ‘कोर AI इंफ्रास्ट्रक्चर कैपासिटी’ को बढ़ाना जारी रखेगी और पहली तिमाही (Q1) में उसने हार्डवेयर 4.0 में बदलाव पूरा कर लिया है, अब चीन को अपग्रेडेड FSD कंप्यूटर और कैमरे मिल रहे हैं।