वाहन उद्योग के आंतरिक सूत्रों का मानना है कि चुनाव आचार संहिता के कारण नकदी के प्रचलन पर रोक लगने से त्योहारी अवधि के बाद वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई है। चुनाव के दौरान नकदी लेनदेन की सीमा 2 लाख रुपये है।
वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों से पता चला है कि दीवाली वाले महीने यानी नवंबर में वाणिज्यिक (कमर्शियल) वाहनों की बिक्री करीब 2 फीसदी घटकर 84,586 वाहन रह गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में 86,150 वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री हुई थी। अक्टूबर के मुकाबले बिक्री में 4.64 फीसदी की गिरावट आई। फाडा के आंकड़े खुदरा बिक्री यानी डीलरों द्वारा ग्राहकों को की गई वास्तविक बिक्री को दर्शाते हैं।
वाणिज्यिक वाहन बाजार की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स की बिक्री नवंबर में 8 फीसदी घटकर 29,700 वाहन रह गई। फाडा के अनुसार, वाणिज्यिक वाहन बाजार में टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी नवंबर तक 35 फीसदी थी। अशोक लीलैंड की बिक्री भी नवंबर में 9 फीसदी घटकर 12,946 वाहन रह गई।
एक प्रमुख वाणिज्यिक वाहन कंपनी के अधिकारी ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि खुदरा स्तर पर स्टॉक में कुछ गिरावट के कारण केवल एक महीने के आंकड़े घटे हैं।
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘व्यावसायिक वाहन श्रेणी में जो हो रहा है वह तात्कालिक है। चुनाव वाले राज्यों में नकद लेनदेन पर कई तरह की पाबंदियों के कारण बिक्री प्रभावित हुई है। इसके अलावा बेमौसम बारिश, देरी से डिलिवरी और नकदी प्रवाह जैसे मुद्दे भी इस क्षेत्र के लिए चिंताजनक थे। हम भविष्य को लेकर काफी आशान्वित हैं क्योंकि हमें सीमेंट और कोयला क्षेत्र से काफी ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।’
इक्रा की उपाध्यक्ष एवं सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग्स) किंजल शाह ने कहा कि एमऐंडएचसीवी (मालवाहक) श्रेणी की थोक मात्रात्मक बिक्री में वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और पूरे साल के दौरान वृद्धि 3 से 5 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसे मुख्य तौर पर त्योहारी सीजन के दौरान माल ढुलाई बढ़ने और आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले निर्माण गतिविधियों में तेजी से रफ्तार मिलेगी। उसके बाद मात्रात्मक बिक्री में कुछ नरमी दिख सकती है।
कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही का उच्च आधार वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में वृद्धि को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में घरेलू वाणिज्यिक वाहन श्रेणी की वृद्धि कुल मिलाकर 2 से 4 फीसदी के दायरे रहने की उम्मीद है। इसे मुख्य तौर पर बस श्रेणी में 12 से 15 फीसदी की वृद्धि से रफ्तार मिलेगी। पूरे वित्त वर्ष 2024 के लिए एलसीवी श्रेणी में 0 से 2 फीसदी की मामूली वृद्धि दिख सकती है।
कंपनी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर आप तीन से चार महीने के रुझान पर गौर करेंगे तो आंकड़े बिल्कुल अलग दिखेंगे। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में क्रमशः 3 फीसदी, 5 फीसदी और 10.3 फीसदी की वृद्धि हुई।
थोक बिक्री के मामले में भी वाणिज्यिक वाहनों का प्रदर्शन मिलाजुला रहा। नवंबर में वाणिज्यिक वाहनों की थोक बिक्री में एक ही अंक में वृद्धि हुई। जेएम फाइनैंशियल की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में अशोक लीलैंड के वाणिज्यिक वाहनों की कुल बिक्री 5 फीसदी घट गई जबकि टाटा मोटर्स की बिक्री में 3 फीसदी की गिरावट आई।
अशोक लीलैंड के मझोले भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 11 फीसदी घट गई जबकि उसके हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 7 फीसदी बढ़ गई। मझोले भारी वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में वॉल्वो आयशर की बिक्री में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। जहां तक बस श्रेणी का सवाल है तो बिक्री लगभग स्थिर रही। इस श्रेणी में टाटा मोटर्स की बिक्री 4 फीसदी बढ़ी जबकि अशोक लीलैंड की बिक्री में 3 फीसदी का इजाफा हुआ।