प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए लुफ्थांसा, स्विस, एमिरेट्स, अमेरिकन एयरलाइंस, एयर फ्रांस और ब्रिटिश एयरवेज जैसी प्रमुख विदेशी एयरलाइनों ने भारत से आने-जाने वाली उड़ानों के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग करना बंद कर दिया है। अब ये सभी वैकल्पिक मार्गों से जा रही हैं। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने की घोषणा की थी। इसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में 1 मई से पाकिस्तान की एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित कर दिया।
एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के दौरान विदेशी विमानन कंपनियां दोनों देशों के हवाई क्षेत्र का उपयोग जारी रख सकती हैं। लेकिन, उद्योग सूत्रों के अनुसार लुफ्थांसा की दिल्ली-फ्रैंकफर्ट उड़ान और स्विस इंटरनैशनल एयर लाइन्स की दिल्ली-ज्यूरिख उड़ान ने 1 मई से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग करना बंद कर दिया है। एयरलाइन ने अब गुजरात और यूएई के हवाई क्षेत्र से होते हुए यूरोप के लिए मार्ग पकड़ा है। स्विस इंटरनैशनल लुफ्थांसा ग्रुप का ही हिस्सा है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए बयान में लुफ्थांसा ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, ‘वर्तमान हालात को देखते हुए लुफ्थांसा ग्रुप की एयरलाइंस ने अगली सूचना तक पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से नहीं गुजरने का फैसला किया है। हालांकि इसके परिणामस्वरूप एशिया के कुछ मार्गों पर उड़ान का समय बढ़ गया है। उन्होंने कहा, ‘इस असुविधा के लिए हमें खेद है। हम सभी यात्रियों से अनुरोध करते हैं कि वे प्रस्थान से पहले ऐप या वेबसाइट पर अपनी उड़ान की स्थिति का पता कर लें। लुफ्थांसा ग्रुप वर्तमान स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। हम अपने यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते।’ ब्रिटिश एयरवेज की दिल्ली-लंदन उड़ान और एयर फ्रांस की दिल्ली-पेरिस उड़ान भी 1 मई से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं कर रही हैं। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इस कारण एयर फ्रांस की दिल्ली-पेरिस उड़ान (एएफ225) का उड़ान समय लगभग 90 मिनट बढ़ गया है। इसी प्रकार अमेरिकन एयरलाइंस की दिल्ली-न्यूयॉर्क उड़ानें भी 30 अप्रैल से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से परहेज कर रही हैं। सूत्रों ने कहा कि एमिरेट्स की दिल्ली-दुबई सेवा भी यहां से नहीं गुजर रही है।
ब्रिटिश एयरवेज, एयर फ्रांस, अमेरिकन एयरलाइंस और एमिरेट्स से इस मामले में टिप्पणी मांगी गई थी, लेकिन उन्होंने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया। भारतीय और प्रमुख विदेशी विमानन कंपनियों के इस कदम से पाकिस्तान को ओवरलाइट फीस का बड़ा हिस्सा खोना पड़ेगा। अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने वाली उड़ानों से संबंधित देश ओवरफ्लाइट शुल्क के रूप में अच्छा-खासा राजस्व अर्जित करते हैं। इस शुल्क की गणना आमतौर पर विमान के वजन और देश के हवाई क्षेत्र के भीतर तय की गई दूरी जैसे कारकों के आधार पर की जाती है। भले ही वह विमान संबंधित देश में न उतरे। हालांकि अभी कतर एयरवेज और ओमान एयर अपनी भारत उड़ानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग कर रही हैं।