डॉ. रेड्डीज का ऑफ पेटेंट साझा उपक्रम

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 2:44 PM IST

देश की तीसरी सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने पेटेंट वाली बायोटेक दवाओं के बायोसिमिलर या कॉपी कैट संस्करण तैयार करने के लिए विश्व की सबसे बड़ी बायोटेक कंपनियों में से एक के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित करेगी।


अगले पांच साल में इस श्रेणी में कई दवाओं को पेटेंट मिल सकता है। डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के वाइस चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी जी. वी. प्रसाद ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘यह संयुक्त उपक्रम चालू वित्त वर्ष के दौरान बनाया जाएगा। इस उपक्रम का भागीदार प्रौद्योगिकी कुशलता और बायोसिमिलर पर वैश्विक पहुंच से संपन्न होगा।’

अगले एक या दो सालों में बायोसिमिलर के विकास और निर्माण पर डॉ. रेड्डीज ने 175-200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। प्रसाद के मुताबिक इसके भागीदार ऑफ-पेटेंट बायोटेक कैंसर दवाओं जैसे संभावित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि हम शुरू में आठ संभावित उत्पादों पर काम करने की योजना बना रहे हैं। प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम की चर्चाओं और तौर-तरीकों का जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

फिलहाल 10-15 फीसदी वैश्विक फार्मास्युटिकल बाजार बायोटेक दवाओं का है और इनमें से कई को अगले वर्षों में पेटेंट मिल जाने की संभावना है। अमेरिका और यूरोप में बायोसिमिलर का 2015 तक संयुक्त बाजार तकरीबन 90,000 करोड़ का हो जाने की संभावना है।

बायोसिमिलर को बायोलॉजिकल भी कहा जाता है। इस उद्योग के जानकारों के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और यूरोप के दवा नियामक प्राधिकरणों की ओर से जिन नई दवाओं को मंजूरी दी गई है, उनमें से 30 फीसदी बायोटेक मूल की हैं। डॉ. रेड्डीज हैदराबाद में 250 वैज्ञानिकों के साथ एक बायोलॉजिक्स डेवलपमेंट सेंटर पहले ही स्थापित कर चुकी है।

First Published : August 2, 2008 | 12:48 AM IST