रिलायंस रिटेल द्वारा फ्यूचर ग्रुप की खुदरा परिसंपत्तियों का करीब 25,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत अधिग्रहण किए जाने के बाद देश भर में डीमार्ट शृंखला के तहत स्टोरों का संचालन करने वाली कंपनी एवेन्यू सुपरमाट्र्स अब दूसरे पायदान की कंपनी बन गई है। इन दोनों कंपनियों का भारत के करीब एक तिहाई संगठित खुदरा बाजार पर वर्चस्व है। हालांकि डीमार्ट के लिए सबसे बड़ा खतरा यह है कि रिलायंस फ्यूचर के एकीकृत कारोबार का किराना राजस्व उसके मुकाबले ढाई गुना अधिक है। इससे डीमार्ट पर अपने उपभोक्ता कारोबार पर निर्भरता बढ़ाने के लिए दबाव बढ़ गया है।
खुदरा सलाहकार फर्म थर्ड आईसाइट के मुख्य कार्याधिकारी देवांग्शु दत्ता ने कहा, ‘ऐसे बाजार में जहां सबसे बड़ी कंपनी कहीं अधिक बड़ी हो चुकी है, अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखना काफी महत्त्वपूर्ण है।’ विशेषज्ञों ने कहा कि डीमार्ट अपने खाद्य एवं किराना उत्पादों पर भारी छूट की पेशकश कर सकती है और उपभोक्ताओं को अपनी पसंद की वस्तुओं को अधिक से अधिक खरीदने के लिए प्रेरित कर सकती है। इससे उसे रिलायंस और फ्यूचर की एकीकृत दक्षता का सामना करने में मदद मिलेगी।
हालांकि डीमार्ट को पश्चिमी क्षेत्र के इतर अन्य बाजारों के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करना काफी महत्त्वपूर्ण होगा। डीमार्ट देश के पश्चिमी क्षेत्र में पारंपरिक तौर पर लोकप्रिय रही है। देश के 12 राज्यों में उसके करीब 216 स्टोर हैं जबकि इनमें से करीब एक तिहाई स्टोर केवल महाराष्ट्र में ही मौजूद हैं। मुंबई क्षेत्र में उसके 32 स्टोर हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, डीमार्ट अपना नजरिया बदल सकती है और अन्य महानगरों में भी अपनी स्थिति सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। मुंबई में रिलायंस-फ्यूचर से मिलने वाली तगड़ी प्रतिस्पर्धा के जोखिम से बचने के लिए उसे अन्य शहरों में अपने कारोबार के विस्तार पर ध्यान देना होगा। मुंबई में रिलायंस-फ्यचर के एकीकृत कारोबार के तहत करीब 39 स्टोर मौजूद हैं।
एवेन्यू सुपरमाट्र्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी नेविल नोरोन्हा ने विश्लेषकों के साथ हालिया बातचीत में कहा था कि पिछले दो वर्षों के दौरान कंपनी ने अपने स्टोर लॉन्च करने की प्रक्रिया को काफी रफ्तार दी है जो आगे भी जारी रहेगी। वित्त वर्ष 2020 में डीमार्ट के नेटवर्क में 38 नए स्टोर जुड़े थे जबकि उससे एक साल पहले यह आंकड़ा 21 रहा था। वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के दौरान महज दो नए स्टोर जोड़े गए जबकि इन आउटलेट का आकार डीमार्ट के पहले के स्टोर के मुकाबले बड़ा था।
एडलवाइस सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा, ‘रिलायंस जैसी विशाल कंपनी से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए भौगोलिक विस्तार एक तरीका हो सकता है। डीमार्ट नए शहरों में अपने स्टोर खोल रही है और भविष्य में वह उसकी रफ्तार बढ़ाएगी। लेकिन मैं समझता हूं कि डीमार्ट के लिए उसके मौजूदा बाजारों में वृद्धि के लिए अब कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि देश के कुल खुदरा बाजार में संगठित रिटेल की हिस्सेदारी अभी भी काफी कम है। ऐसे में डीमार्ट और रिलायंस दोनों काफी सहजता से वृद्धि कर सकती हैं।’
उद्योग के अनुसार, भारत में खुदरा बाजार का आकार करीब 700 अरब डॉलर है। इसमें से करीब 15 फीसदी बाजार संगठित है। खुदरा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि डीमार्ट और रिलायंस सहित तमाम संगठित खुदरा कारोबारियों के लिए यहां काफी संभावनाएं मौजूद हैं।