देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के प्रवर्तक के.पी. सिंह कंपनी में अपनी 6 से 7 फीसदी हिस्सेदारी 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये में बेचने की तैयारी में हैं।
निवेश बैंकिंग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कंपनी 10 करोड़ शेयरों को बेचने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों से निर्णायक बातचीत के दौर में पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक, प्रति शेयर 220 रुपये से लेकर 230 रुपये पर अंतिम सहमति बन सकती है।
शेयरों को बेचने से मिली रकम का इस्तेमाल डीएलएफ एसेट लिमिटेड (डीएएल) की सेहत सुधारने के लिए किया जाएगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए कंपनी ने जेपी मॉर्गन और डॉयचे बैंक को बतौर निवेश बैंकर नियुक्त भी कर दिया है।
इस मामले में संपर्क करने पर डीएलएफ के उपाध्यक्ष राजीव सिंह ने कहा, ‘हम सही वक्त पर आपको बता देंगे फिलहाल मेरे पास बताने के लिए कुछ नहीं है।’ डीएलएफ के प्रवक्ता के सुर भी सिंह जैसे ही हैं। उनका कहना है, ‘बाजार में चल रहे अनुमानों पर वह कैसे टिप्पणी कर सकते हैं।’
हालांकि डीएलएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में ‘नो कमेंट’ वाली भाषा बोली। वह कहते हैं कि अगर प्रवर्तक अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रहे हैं और इस मामले में जब तक वह (प्रवर्तक) कंपनी को कुछ नहीं बताते तब तक कोई भी टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं होगा।
सूत्रों का कहना है कि इस सौदे पर जल्द ही अंतिम मुहर लग जाएगी। सूत्र का कहना है, ‘ज्यादा से ज्यादा अगले हफ्ते या फिर उससे पहले भी इस मामले में घोषणा हो सकती है।’ डीएलएफ में फिलहाल प्रवर्तकों की 88.55 फीसदी हिस्सेदारी है, ऐसे में इस सौदे के बाद भी उनकी 82 फीसदी हिस्सेदारी बची रहेगी जो कंपनी में उनका वर्चस्व कायम रखने के लिए काफी है।
मौजूदा दौर में डीएलएफ समूह अपने रियल एस्टेट कारोबार के पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रहा है और वह अपने समस्त कारोबार को डीएलएफ लिमिटेड के बैनर तले लाना चाहता है।
रकम जुटाने की कवायद
2,000-2,500 करोड़ रुपये में बेचेगी 6-7 फीसदी हिस्सेदारी
जेपी मॉर्गन और डॉयचे बैंक को नियुक्त किया निवेश बैंकर
विदेशी संस्थागत निवेशकों से चल रही है बातचीत
शेयरों से मिली रकम से डीएएल की सुधरेगी सेहत
प्रवर्तकों के पास है 88.55 फीसदी हिस्सेदारी
