दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को नैशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अभय कुमार श्रीवास्तव को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी ठहराया। नाल्को सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है। अदालत ने पूर्व प्रबंध निदेशक की पत्नी चांदनी श्रीवास्तव को भी इस मामले में दोषी ठहराया।
अदालत ने भूषण लाल बजाज और उनकी पत्नी अनीता बजाज को भी दोषी ठहराया, जिन पर श्रीवास्तव और उनकी पत्नी को रिश्वत देने का आरोप है।
वर्ष 2011 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व प्रबंध निदेशक, उनकी पत्नी, बजाज और उनकी पत्नी के खिलाफ ओडिशा के अंगुल स्थित नाल्को की कैप्टिव पावर प्लांट इकाई से 2 लाख टन वाश कोल की खरीद के लिए जारी किए गए टेंडर में अनियमितताओं और रिश्वतखोरी के संबंध में मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि श्रीवास्तव, नाल्को द्वारा स्वीकृत टेंडरों के लिए भूषण लाल बजाज के माध्यम से आपूर्तिकर्ताओं से रिश्वत ले रहे थे।
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने वाले ईडी ने चांदनी श्रीवास्तव द्वारा इस्तेमाल किए गए एक लॉकर से एक-एक किलो के दस सोने के बिस्किट बरामद किए। यह लॉकर जाली दस्तावेजों के आधार पर खोला गया था और अनीता बजाज के नाम से फर्जीवाड़ा करके चलाया जा रहा था।