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Data protection bill: विधेयक में ‘डीम्ड कंसेंट’ की व्यापक संभावना

बिजनेस स्टैंडर्ड ने मसौदा विधेयक देखा है, जिसमें 'डीम्ड कंसेंट' के तहत यह प्रावधान शामिल है।

Published by
शिवानी शिंदे   
सौरभ लेले   
Last Updated- July 11, 2023 | 11:40 PM IST

आगामी डेटा संरक्षण विधेयक (Data protection bill) में किसी विशेष कार्यक्रम के लिए साझा किए गए व्यक्तिगत आंकड़ों को सभी सरकारी योजनाओं के लिए उपलब्ध कराया हुआ माना जा सकता है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने मसौदा विधेयक देखा है, जिसमें ‘डीम्ड कंसेंट’ के तहत यह प्रावधान शामिल है।

दूसरे शब्दों में कहें तो अगर कोई व्यक्ति किसी खास सरकारी लाभ योजना में इस्तेमाल के लिए अपने व्यक्तिगत आंकड़े के उपयोग की इजाजत देता है तो यह मान लिया जाएगा कि उस व्यक्ति ने अन्य सरकारी कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभ की अपनी पात्रता तय करने के लिए भी वह आंकड़े इस्तेमाल करने के लिए अपनी सहमति दी है।

डेटा संरक्षण विधेयक में ‘डीम्ड कंसेंट’ के पहलुओं को लेकर यह एक नई प्रविष्टि है। यह डेटा संरक्षण विधेयक पर परामर्श के दौरान विवादास्पद मसला था।
‘डीम्ड कंसेंट’ का यह प्रावधान डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2022 के पिछले मसौदे में शामिल नहीं था।

सुरक्षा और निजता को लेकर इसके गंभीर असर होंगे

विशेषज्ञों और वकीलों का कहना है कि अगर विधेयक में यह प्रावधान लाया जाता है, तो खासकर सुरक्षा और निजता को लेकर इसके गंभीर असर होंगे। यह विधेयक अभी संसद में पेश किया जाना है। नाम न दिए जाने की शर्त पर कानून से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि तार्किक बात यह है कि हर बार आंकड़ों के इस्तेमाल में व्यक्ति की सहमति हो।

कानून से जु़ड़े एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा, ‘अगर ऐसा नहीं होता है तो डेटा संरक्षण विधेयक लाने के कुछ मकसद और उसके संभावित लाभ खत्म हो जाएंगे। मामला यह नहीं है कि यह सरकार की योजनाओं तक सीमित है या निजी कंपनियों में भी लागू होगा।’

कानून फर्म टेकलेजिस में मैनेजिंग पार्टनर सलमान वारिस ने का मानना है कि ‘डीम्ड कंसेंट’ के पहलुओं पर हमेशा चर्चा होती रही है। उन्होंने कहा, ‘तकनीकी रूप से यह कल्पना की गई है कि कोई व्यक्ति किसी खास इस्तेमाल के लिए सहमति दे देता है। एक मामले में सहमति लेकर फिर उसका इस्तेमाल अन्य योजनाओं में नहीं किया जा सकता। इसमें दो चिंताएं हैं, सुरक्षा और निजता।’

हाल के दिनों में आंकड़ों को लेकर चूक हुई है, जो एम्स और कोविन जैसी सरकारी वेबसाइटों से जुड़ी हैं। वारिस ने कहा, ‘अन्य चिंता निजता को लेकर है, जिसके लिए यह विधेयक लाया जा रहा है। एक बड़ी चिंता यह है कि डेटा की प्रॉसेसिंग कौन करेगा। अब डीम्ड कंसेंट के साथ मेरा डेटा सभी लागू सरकारी योजनाओं में साझा किया जा सकता है। और ऐसी स्थिति में हमारी निजता का क्या होगा, यह बड़ा सवाल है।’

अद्यतन किए गए मसौदे में सरकार को सहमति की उम्र 18 साल से कम करने की भी शक्ति दी गई है। मसौदा विधेयक में कुछ कंपनियों या डेटा का इस्तेमाल करने वालों को बच्चों की गोपनीयता की रक्षा के अतिरिक्त दायित्वों से छूट दी गई है, अगर वे अपने डेटा को सत्यापित रूप से सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करते हैं।

First Published : July 11, 2023 | 11:40 PM IST