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मुश्किलों के बावजूद भारत में आगे बढ़ रहा सीपीपीआईबी

Last Updated- December 12, 2022 | 7:20 AM IST

कनाडा का सबसे बड़ा पेंशन फंड मैनेजर कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी) भारतीय डेवलपर आरएमजेड के साथ संयुक्त उद्यम पर हस्ताक्षर कर रहा है जबकि रियल एस्टेट क्षेत्र में उसके पिछले संयुक्त उद्यमोंं को अवरोध का सामना करना पड़ रहा है।
31 दिसंबर, 2020 को वैश्विक स्तर पर सीपीपीआईबी के पास 475 अरब डॉलर की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां थीं और उसने 20 देशोंं में रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश किया है।
उसके तीन भारतीय साझेदारों ने आगे निकलकर ऐसा ही संयुक्त उद्यम विगत में अन्य निवेशकों के साथ भी बनाया है। शापूरजी पलोनजी समूह और अजय पीरामल की अगुआई वाली पीरामल एंटरप्राइजेज के साथ उसके दो पिछले संयुक्त उद्यम आगे नहीं बढ़ पाए। एक अन्य उद्यम मॉल डेवलपर फीनिक्स मिल्स के साथ है और यह भी ऐसा ही संयुक्त उद्यम सिंगापुर की फंड जीआईसी के साथ बना रही है, जो मॉल बनाने के लिए है।
साल 2013 में सीपीपीआईबी और शापूरजी पलोनजी समूह ने देश के बड़े शहरों में एफडीआई अनुपालन वाले कार्यालय के इमारतों के अधिग्रहण के लिए संयुक्त उद्यम बनाया था। इस उद्यम में सीपीपीआईबी की 80 फीसदी हिस्सेदारी है और शुरुआती इक्विटी प्रतिबद्धता 20 करोड़ डॉलर की है।
संयुक्त उद्यम ने चेन्नई में एक परिसंपत्ति खरीदी और बाद में उसे सिंगापुर की निवेशक मैपलट्री को बेच दी। उसके बाद संयुक्त उद्यम ने किसी परिसंपत्ति का अधिग्रहण नहीं किया है। बाद में शापूरजी ने जर्मनी की अलियांज समूह और अबु धाबी के सॉवरिन फंड अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ गठजोड़ किया, जो वाणिज्यिक परिसंपत्तियां खरीदने के लिए हुआ है।
सीपीपीआई के साथ पहले सौदा करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, उनकी उम्मीद ज्यादा प्रतिफल की है लेकिन प्रतिफल घटा है क्योंकि कई निवेशक वाणिज्यिक परिसंपत्तियों में उतर गए हैं और यह मूल्यांकन बढ़ा रहा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, सीपीपीआईबी ने फैसला लेने में काफी वक्त  लगाया क्योंकि उसकी प्रक्रिया आदि काफी सख्त है।
अमेरिका की ब्लैकस्टोन, कनाडा की ब्रुकफील्ड ऐसेट मैनेजमेंट, जेंडर ग्रुप व अन्य निवेशकों ने पिछले दशक में अरबों डॉलर की भारतीय वाणिज्यिक परिसंपत्तियां खरीदी। यहां तक उन्होंने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के जरिए भी भारतीय बाजार से रकम जुटाई।
साल 2014 में सीपीपीआईबी ने अजय पीरामल की अगुआई वाली पीरामल एंटरप्राइजेज के साथ एक उद्यम के लिए गठजोड़ किया ताकि अहम शहरों में आवासीय परियोजनाओं को रुपये में कर्ज दिया जा सके। दोनों ने इस उद्यम के लिए 25 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है।
सूत्रों ने कहा, लेकिन इस उद्यम ने वितरण के लिहाज से काफी कम काम किया है। पीरामल ने बाद में कनाडा की सीडीपीक्यू के साथ संयुक्त उद्यम बनाया जो डेवलपरों को कर्ज के अलावा इक्विटी मनी देने से संबंधित है।

First Published - March 8, 2021 | 11:47 PM IST

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