वर्ष 2022 में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों की संख्या बढ़ गई। मुख्य सूचकांक सेंसेक्स में धीमी तेजी के बावजूद इन कंपनियों की संख्या 2021 के मुकाबले 5 तक बढ़ गई। मौजूदा समय में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों की संख्या 54 है, जो 2021 के अंत में 49 थी। 2022 में जिन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा, उनमें बजाज ऑटो, सीमेंस, ब्रिटानिया, और अंबुजा सीमेंट्स मुख्य रूप से शामिल हैं।
मौद्रिक सख्ती, वैश्विक मंदी की आशंका, और रूस-यूक्रेन से संकट गहराने की वजह से 2022 में इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव बढ़ा है। मुद्रास्फीति में वृद्धि और चीन में कोविड संबंधित चिंताओं से इक्विटी बाजारों पर दबाव और ज्यादा बढ़ गया है। दूसरी ओर, घरेलू तरलता समर्थन और अपेक्षाकृत बेहतर आर्थिक संभावनाओं के परिणामस्वरूप रिकॉर्ड विदेशी विनिवेश के बावजूद, भारत एक बड़े सुधार को रोकने में कामयाब रहा।
भारत में डीमैट खातों ने इस वर्ष 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से निवेशकों की उम्मीद मजबूत हुई है। मई 2022 में कच्चे तेल की कीमतें अपने उच्च स्तर से 34 फीसदी नीचे आईं। भारतीय इक्विटी बाजार में तेजी की रफ्तार पिछले वर्ष की तुलना में कमजोर रही है। 2021 में सेंसेक्स में 22 फीसदी की तेजी आई जबकि इस साल अब तक सेंसेक्स 6 फीसदी ही चढ़ा है। इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा कि यह तेजी व्यापक नहीं है। यह कुछ सौ शेयरों पर आधारित है। इक्विटी बाजार के उछाल के दौरान युवा निवेशक शामिल हुए, जिसके कारण ही यह तेजी देखी जा रही है।