लागत कम करने को कंपनियों ने पकड़ी छोटे शहरों की राह

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 9:44 PM IST

कमरतोड़ महंगाई, अमेरिकी मंदी और रुपये की मजबूती से त्रस्त बड़ी-बड़ी कंपनियां लागत कम करने और अपने बहीखातों को सुधारने के लिए अब छोटे शहरों और कस्बों का रुख कर रही हैं।


महानगरों में कर्मचारियों के मोटे वेतन और बुनियादी ढांचे पर भारी भरकम खर्च को देखते हुए ये कंपनियां अब रांची, मेरठ, उदयपुर और पटियाला जैसे दूसरे तथा तीसरे दर्जे के शहरों में कदम रख रही हैं।


उद्योग संगठन एसोचैम ने रोजगार के बारे में आज जारी रिपोर्ट में बताया कि इन कंपनियों में मिलने वाली नौकरियों में तीसरे दर्जे के शहरों की हिस्सेदारी 38 फीसद और दूसरे दर्जे के शहरों की हिस्सेदारी 28 फीसद हो गई है। सर्वेक्षण में कुल 60 शहरों का जायजा लिया गया। चालू कैलेंडर वर्ष के पहले तीन महीनों में हुई भर्तियों में इनमें से दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों के वाशिंदों की हिस्सेदारी लगभग दो तिहाई थी।


इन शहरों में रांची पहले नंबर पर रहा है। रोजगार देने के मामले में उसने बाकी शहरों को पछाड़ दिया। तीसरे दर्जे के शहरों में रोजगार के कुल अवसरों में से 13.80 फीसद इसी शहर के हिस्से आए। उसके बाद मंगलौर, मैसूर, रायपुर, उदयपुर, औरंगाबाद, पटियाला, जालंधर, मेरठ और विशाखापत्तनम का नंबर आता है।


एसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने इस बारे में कहा, ‘रोजगार के मामले में रुख काफी बदल गया है। अब छोटे शहरों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके आ रहे हैं। पहले तो महानगरों में ही ज्यादातर नौकरियां मिलती थीं।’


दूसरे दर्जे के शहरों की बात की जाए, तो पुणे में सबसे ज्यादा 16.50 फीसद रोजगार के मौके मिले। लखनऊ में रोजगार के 12.30 फीसद मौके देखे गए। रांची के बाद तीसरे दर्जे के शहरों में  इस मामले में मंगलौर का नाम आया।


इस अध्ययन में एसोचैम ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय अखबारों तथा अन्य जगहों पर आए रोजगार के विज्ञापनों को शामिल किया था। इसमें तकरीबन 3,500 कंपनियों के विज्ञापन देखे गए, जिन्होंने 32,000 नियुक्तियां निकाली थीं। इनमें से ज्यादातर छोटे शहरों के ही लिए थीं। अध्ययन के मुताबिक महानगरों में अब भी रोजगार के सबसे ज्यादा मौके मिले। इस मामले में मुंबई सबसे आगे रहा।


रोजगार के कुल मौकों में से 18.52 फीसद उसी के हिस्से आए। उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (15.41 फीसद), दिल्ली (11.55 फीसद) और बेंगलुरु (10 फीसद) का नंबर रहा। दिलचस्प है कि इस फेहरिस्त में पांचवां नंबर पुणे का है, जो दूसरे दर्जे का शहर है। टॉप टेन में उसके बाद चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता और पुड्डुचेरी के नाम हैं।

First Published : May 7, 2008 | 12:03 AM IST