देसी बर्गर चेन बर्गर सिंह ने हाल ही में मीडिया प्लेटफॉर्म Entrackr द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें दावा किया गया था कि कंपनी ने एक नए फंडिंग राउंड में ₹47.15 करोड़ जुटा लिए हैं। बर्गर सिंह ने इस खबर को “अभी नहीं, दुर्भाग्यवश बिल्कुल नहीं” कहते हुए खारिज कर दिया और बेहद मजेदार अंदाज में पूरी स्थिति पर रोशनी डाली।
17 जुलाई को Entrackr ने रिपोर्ट किया कि Negen Value Fund और Nine Rivers Capital के नेतृत्व में एक निवेश राउंड में बर्गर सिंह को ₹47.15 करोड़ की फंडिंग मिली है, जिसमें Rhodium Trust और 19 अन्य निवेशकों ने भी भाग लिया।
लेकिन बर्गर सिंह ने प्रेस को दिए एक बयान में स्पष्ट किया, “हम चकित हैं, गर्वित भी, लेकिन सच कहें तो… ऐसा कुछ हुआ नहीं है। कम से कम अभी तक नहीं।”
कंपनी ने कहा कि यह भ्रम Ministry of Corporate Affairs (MCA) में दायर एक MGT-14 फॉर्म को फैला। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक प्रारंभिक नियामकीय कदम है, जो संभावित शेयर प्रस्ताव को दर्शाता है — इसका मतलब यह नहीं कि पैसा आ गया है।
बर्गर सिंह ने इस प्रक्रिया को एक मजेदार रियल एस्टेट उदाहरण से समझाया:
“यह बिल्कुल वैसा है जैसे आपने 99acres पर घर लिस्ट कर दिया हो। इसका मतलब है कि आप बिक्री के लिए तैयार हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सौदा हो गया, पैसा बैंक में आ गया, और आप ₹2000 के नोट से सिगार जला रहे हैं।”
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कंपनी ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दर्द को छूते हुए लिखा:
“यह बिल्कुल वैसा है जैसे किसी ने रिपोर्ट कर दिया हो कि भारत ने Lord’s टेस्ट मैच जीत लिया — ठीक उस समय जब सिराज बल्लेबाजी करने आए और शोएब बशीर की दूसरी आखिरी गेंद पर विकेट गिर गया।” “कभी-कभी गेंद स्टंप से टकरा जाती है और उम्मीदें भी ऐसे ही ढह जाती हैं।”
बर्गर सिंह ने कहा:
“कानूनी रूप से MGT-14 एक प्री-ऑफर दस्तावेज है, कोई रसीद नहीं। निवेशक अभी हामी भरना बाकी है, पैसा भेजना बाकी है, और कागजों पर हस्ताक्षर भी बाकी हैं। ऐसे में कोई भी रिपोर्ट जो फंडिंग को अंतिम मान रही है — वह समय से पहले और भ्रामक है।”
Entrackr द्वारा कंपनी के CEO कबीर जीत सिंह से संपर्क की कोशिश पर भी बर्गर सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा:
“कबीर को अनजान नंबरों से उतने WhatsApp मैसेज आते हैं जितने किसी हाउसिंग सोसायटी की आंटी को नवरात्रि में वीडियो फॉरवर्ड होते हैं। अगर वो सबका जवाब देने लगें, तो दिनभर बस यही करते रहेंगे।”
बर्गर सिंह ने अपनी बात को मजाकिया अंदाज में समेटते हुए कहा: “ये वैसा ही है जैसे आप किसी रेस्टोरेंट की रेटिंग सिर्फ रसोई से आ रही खुशबू के आधार पर दे दें। हम खुद फंडिंग का ऐलान करेंगे — जब वो वास्तव में हो जाएगी।”
Entrackr की रिपोर्ट भले “एक्सक्लूसिव” रही हो, लेकिन बर्गर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि फंडिंग की बात फिलहाल केवल संभावनाओं तक सीमित है, हकीकत नहीं। और जिस अंदाज़ में कंपनी ने सफाई दी है, वह बिज़नेस वर्ल्ड में एक ताज़ा झोंका साबित हुआ है।
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