चीन की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी BYD पर टैक्स चौरी करने का आरोप लगा है। वाहन निर्माता BYD को इन आरोपों पर भारतीय जांच का सामना करना पड़ रहा है कि उसने देश में असेंबल और बेची जाने वाली कारों के लिए आयातित पार्ट्स पर बहुत कम टैक्स का भुगतान किया है। यह जानकारी रॉयटर्स को मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने दी।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence- DRI) ने आरोप लगाया है कि चीन की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता ने 73 करोड़ रुपये (9 मिलियन डॉलर) बचाया है यानी 73 करोड़ रुपये के टैक्स का कम भुगहतान किया है। रॉयटर्स को दी जानकारी में सूत्रों में से एक कहा।
सूत्र ने कहा, हालांकि BYD ने DRI द्वारा ऐसा कहने के बाद यह रकम जमा कर दी है। लेकिन जांच अभी जारी है और अतिरिक्त टैक्स चार्ज और जुर्माना लगाया जा सकता है।
हालांकि, DRI ने अभी तक BYD को अंतिम नोटिस जारी नहीं किया है। भारत और चीन में BYD ने रॉयटर्स की तरफ से टिप्पणी मांगने वाले कई अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।
भारत के वित्त मंत्रालय ने भी टिप्पणी के अनुरोध वाले ईमेल और व्हाट्सएप मैसेज का जवाब रॉयटर्स को नहीं दिया।
भारत में निवेश योजनाओं पर रोक लगा सकती है BYD
चीन सहित सीमावर्ती देशों से विदेशी निवेश पर सख्त नियमों के बीच, लोकल लेवर पर कार बनाने के 1 अरब डॉलर के प्रस्ताव पर BYD को नई दिल्ली से कड़ी जांच का सामना करना पड़ रहा है। BYD ने अपने भारतीय जॉइंट वेंचर पार्टनर को बताया कि वह निवेश योजनाओं (investment plans) को छोड़ने पर विचार कर रही है।
चीन के साथ विवाद का पड़ रहा असर
चीन की कंपनियां 2020 से भारत में सुर्खियों में आ गई हैं जब पड़ोसियों के बीच सीमा पर झड़पें हुईं।
स्मार्टफोन मेकर श्याओमी कॉर्प (Xiaomi Corp) पर रॉयल्टी के नाम पर विदेशी संस्थाओं को अवैध धन भेजने (illegal remittances) का आरोप लगाया गया है। हालांकि, स्मार्टफोन कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया है और कोर्ट में चुनौती दी है।
विदेशी कारों और इसके पार्ट्स के आयात पर कितना लगता है टैक्स
भारत पूरी तरह से निर्मित इलेक्ट्रिक कारों के आयात पर वाहन के मूल्य के आधार पर 70% या 100% टैक्स लगाता है, लेकिन कार के पार्ट्स के आयात पर 15% या 35% कर लगाता है जिन्हें बाद में लोकल स्तर पर EV में असेंबल किया जाता है।
हालांकि, ये कम दरें केवल तभी लागू होती हैं जब बैटरी पैक या मोटर जैसे पार्ट्स को व्हीकल चेसिस पर लगाए बिना आयात किया जाता है।
रॉयटर्स को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, BYD ने इन शर्तों को पूरा नहीं किया है, जिससे उसे कार के मूल्य के आधार पर 70% या 100% का भुगतान करना होगा।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इन टैक्स नियमों का उल्लंघन किस अवधि के दौरान हुआ और न ही यह पता चल पाया कि कितनी कारें मंगाई गईं थी।
BYD भारत में बेचती है ये कारें
BYD, जिसने पहले ही भारत में 20 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश किया है, कॉरपोरेट बेड़े (corporate fleets ) के लिए Atto 3 electric SUV और e6 EV की मार्केटिंग करती है और इस साल के अंत में अपनी Seal electric sedan लॉन्च करने की योजना बना रही है।
सरकारी पंजीकरण डेटा (government registration data ) से पता चलता है कि 2022 में बिक्री शुरू होने के बाद से इसने भारत में लगभग 1,960 कारें बेची हैं।