टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को कहा कि दिवंगत रतन टाटा ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि टाटा समूह की कंपनियों में कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों की भलाई का भी ध्यान रखा जाए, जिससे समूह में कई नेता तैयार हुए। उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।
‘लिंक्डइन’ पर एक पोस्ट में टाटा (86) के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने लिखा, ‘जो कोई भी टाटा से मिला, वह उनकी मानवता, गर्मजोशी और भारत के लिए सपनों की कहानी लेकर गया। वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।’
चंद्रशेखरन ने (दिवंगत) साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद 2017 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला था। उन्होंने कहा कि दिवंगत टाटा के साथ उनका रिश्ता ‘वर्षों में प्रगाढ़ हुआ, पहले यह कारोबार पर केंद्रित था और अंततः अधिक व्यक्तिगत संबंध में विकसित हुआ।’
उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘हमने कारों से लेकर होटलों तक की रुचियों पर चर्चा की, लेकिन जब हमारी बातचीत दूसरे मामलों पर चली गई – रोजमर्रा की जिंदगी की – तो उन्होंने दिखाया कि उन्होंने कितना कुछ देखा और महसूस किया। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें समय के साथ और अनुभव के माध्यम से खोजा जाना था।’
चंद्रशेखरन ने लिखा, ‘चेयरमैन बनने के तुरंत बाद, मुझे टाटा मोटर्स के भीतर एक ऐसी स्थिति से परिचित कराया गया, जिसमें कंपनी और कर्मचारी संघ के बीच दो वर्षों से वेतन को लेकर विवाद चल रहा था।’
उनके अनुसार, ‘टाटा का निर्देश पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित था कि कर्मचारियों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए न केवल विवाद को सुलझाने के लिए, बल्कि उनके और उनके परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए।’