सीमेंट के निर्यात पर पिछले महीने लगाए गए प्रतिबंध से गुजरात की सीमेंट बनाने वाली कंपनियां मुश्किल में फंस गई हैं।
उनकी क्षमता के मुताबिक अब खपत नहीं रहेगी, इसकी वजह से उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है। सीमेंट निर्माता संघ (सीएमए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘गुजरात में सीमेंट की अधिक आपूर्ति से कंपनियों के लाभ में काफी कमी आएगी। कुछ कंपनियां अपनी क्षमता उपयोग दर में कमी भी कर सकती हैं।’
देश ने 2007-08 में 36.5 करोड़ टन सीमेंट और 23.7 करोड़ टन क्लिंकर का निर्यात किया था जिसमें अकेले गुजरात की भागीदारी 90 प्रतिशत से अधिक की रही। इस उद्योग के जानकारों का कहना है कि गुजरात सीमेंट निर्यात पर प्रतिबंध के प्रभाव का सामना कर रहा है और जल्द ही सीमेंट के उपयोग में तकरीबन 3-4 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।
अंबुजा सीमेंट्स के प्रबंध निदेशक ए. एल. कपूर ने बताया, ‘मैं यह नहीं कह सकता कि क्षमता उपयोग में कटौती की जाएगी या नहीं। लेकिन यदि सीमेंट की बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ा तो हम केवल उतनी ही सीमेंट का उत्पादन करेंगे जितनी बाजार में खपाई जा सके।’
एसीसी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी अंबुजा सीमेंट्स अपने सालाना सीमेंट उत्पादन (1.69 करोड़ टन) का एक-चौथाई (48 लाख टन) अपने अंबुजानगर संयंत्र में उत्पादित करती है। गुजरात में स्थापित अंबुजानगर संयंत्र देश की सबसे बड़ी सीमेंट इकाइयों में से एक है।
अल्ट्राटेक, सौराष्ट्र सीमेंट, गुजरात सिधी सीमेंट और सांघी इंडस्ट्रीज जैसी अन्य सीमेंट निर्माता कंपनियां गुजरात में सक्रिय हैं। अल्ट्राटेक सीमेंट के मुख्य वित्तीय अधिकारी के. सी. बिड़ला ने बताया, ‘हमने गुजरात में सीमेंट उत्पादन में कटौती करने की कोई योजना नहीं बनाई है।’
गुजरात में सीमेंट की खपत इसके कुल उत्पादन से 24 फीसदी कम है। साल 2007-08 में गुजरात में 153.9 लाख टन सीमेंट का उत्पादन हुआ। इसमें से सिर्फ116.7 लाख टन सीमेंट का ही इस्तेमाल किया गया औैर बाकी सीमेंट का निर्यात किया गया।
एंजेल ब्रोकिंग के अनुसंधान प्रमुख हितेश अग्रवाल ने कहा, ‘ज्यादा आपूर्र्ति से बचने के लिए सीमेंट कंपनियों के पास उत्पादन घटाने का ही विकल्प बच जाता है। अभी इसका असर सिर्फ गुजरात की सीमेंट फैक्ट्रियों पर ही दिखाई दे रहा है लेकिन अगले एक-डेढ़ साल में देश भर के सीमेंट बाजार पर इसका असर दिखाई पड़ेगा।’
बाजार सूत्रों के मुताबिक उत्तर में ग्रासिम और श्री सीमेंट की नई इकाइयों के कारण ऐसा हो रहा है। बाजार में सीमेंट की कम खपत के कारण ये दोनों कंपनियां भी अपना उत्पादन घटा सकती हैं। घरेलू सीमेंट उद्योग ने वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान अपनी उत्पादन क्षमता में 230 लाख टन का इजाफा किया है। इस इजाफे के साथ ही अब घरेलू उत्पादन क्षमता 1667.3 लाख टन से बढ़कर 1890 लाख टन हो गई है।