प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ऐप स्टोर बाजार में दबदबे वाली स्थिति के दुरुपयोग के मामले से संबंधित अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट पर ऐपल से अक्टूबर के मध्य तक जवाब या आपत्तियां मांगी हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सीसीआई ने शिकायतकर्ता, गैर-लाभकारी संस्था टुगेदर वी फाइट सोसाइटी से भी जांच रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा करने को कहा है। इसके अलावा ऐपल को दंड निर्धारण के लिए साल 2022 से 2024 तक के अपने वैश्विक और भारतीय कारोबार का विस्तृत वित्तीय विवरण भी सीसीआई के साथ साझा करना होगा। सूत्रों के अनुसार सीसीआई ने अगस्त के आखिर में आईफोन विनिर्माता और सूचना देने वालों को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट पर छह सप्ताह के भीतर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा करने के लिए कहा था। ऐपल को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। पिछले साल प्रतिस्पर्धा रोधी नियामक ने अपनी जांच रिपोर्ट वापस ले ली थी, क्योंकि ऐपल ने शिकायत की थी कि उसके व्यावसायिक रहस्यों का खुलासा विरोधियों को किया गया था।
इसके बाद सीसीआई ने संशोधित जांच रिपोर्ट साझा की थी। सीसीआई की जांच में पाया गया है कि ऐपल ने प्रतिस्पर्धा कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
दिसंबर 2021 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ऐपल के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिया था, क्योंकि प्रथम दृष्टया पाया गया था कि कंपनी ने बाजार पर अपने दबदबे का दुरुपयोग किया है। दिसंबर 2021 में जांच का आदेश देते हुए नियामक ने कहा था कि ऐपल ने प्रथम दृष्टया प्रतिस्पर्धा कानून की धारा 4 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया है, जो बाजार के दबदबे के दुरुपयोग से संबंधित है। इस जांच के लिए संबंधित बाजार को ‘भारत में आईओएस के लिए ऐप स्टोर के बाजार’ के रूप में परिभाषित किया गया था।
दिसंबर 2021 में पारित आदेश में सीसीआई ने पाया था कि ऐपल का ऐप स्टोर ऐप डेवलपर्स के लिए आईओएस उपभोक्ताओं को अपनी ऐप वितरित करने का एकमात्र जरिया है, जो हर आईफोन और आईपैड में पहले से इंस्टॉल होता है।