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RCap insolvency : मुकदमेबाजी में अटका मामला, फिर आगे बढ़ सकती है रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया

बोलीदाता नीलामी के अगले दौर के लिए COC से अधिक ट्रांसपेरेंसी की मांग कर रहे हैं।

Last Updated- April 07, 2023 | 12:49 PM IST
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BS

रिलायंस कैंपिटल के ऋणदाता मई के अंत तक समाधान प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। क्योंकि एक बोलीदाता ने अदालत का रुख किया है।

समाधान प्रक्रिया पूरा करने की समय सीमा 16 अप्रैल को समाप्त हो रही है। एक बैंकिंग सूत्र के मुताबिक, बोलीदाताओं द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को हल करने तक एक और सप्ताह तक के लिए नीलामी के स्थगित होने की संभावना है। इससे पहले दिवालिया कंपनी के लिए नीलामी का दूसरा दौर 11 अप्रैल को निर्धारित किया गया था।

तीन बोलीदाता- टोरेंट, हिंदुजा और ओकट्री अभी भी लेनदारों की समिति (COC) के साथ कुछ मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं जो उन्होंने उठाए हैं। बोलीदाता नीलामी के अगले दौर के लिए COC से अधिक ट्रांसपेरेंसी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि विस्तारित चुनौती तंत्र पर एक अलग ई-पोर्टल बनाया जाए।

बता दें कि पिछले साल 21 दिसंबर को हुई नीलामी के पहले दौर में टोरेंट ने रिलायंस कैपिटल की संपत्ति के लिए 8,650 करोड़ रुपये की पेशकश कर सबसे बड़ी बोली लगाई थी। COC ने तब संपत्ति के मूल्य को अधिकतम करने के लिए एक और नीलामी आयोजित करने का फैसला किया, जिसके बाद टोरेंट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

टोरेंट इंवेस्टमेंट की ओर से रिलायंस कैपिटल के दूसरे दौर की नीलामी को लेकर विरोध किया गया था, जिसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और हाल ही के सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे दौर की नीलामी की अनुमति दे दी थी।

ऋणदाताओं को उम्मीद है कि हिंदुजा समूह और टोरेंट दूसरी नीलामी में भाग लेंगे तो दूसरे दौर की नीलामी ज्यादा फंड प्राप्त होगा।

एक सूत्र ने कहा कि अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी ओकटी भी इस दौड़ में शामिल हो सकती है। ऐसे में उधारदाताओं ने बोली लगाने वालों को बोली तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है क्योंकि प्रतिस्पर्धा अगले दौर में ऊपर जाने की संभावना है।

यह भी पढ़ें : RCap insolvency: हिंदुजा ज्यादा पेशकश का इच्छुक नहीं

लेनदारों की समिति (COC) ने भी बोली लगाने वालों को आश्वासन दिया है कि वह नतीजे आने के बाद नीलामी प्रक्रिया से बाहर के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं करने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी। यह उधारदाताओं के लिए अधिकतम मूल्य और बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

First Published - April 7, 2023 | 12:49 PM IST

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