सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने बुधवार को कहा कि यात्री वाहनों (पीवी) की मांग चालू त्योहारी सीजन के बाद भी बनी रहने की उम्मीद है, क्योंकि ग्राहकों का एक नया समूह अब शोरूमों पर जाना शुरू कर देगा। हाल में जीएसटी दर में कटौती के बाद उनमें कार खरीदारी का भरोसा बढ़ा है।
22 सितंबर से, छोटी कारों (चार मीटर से कम लंबाई वाली, पेट्रोल के लिए 1,200 सीसी और डीजल के लिए 1,500 सीसी तक के इंजन वाली) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो पहले 29-31 प्रतिशत था, जिसमें उपकर भी शामिल है। नई जीएसटी व्यवस्था के तहत, बड़ी कारों (चार मीटर से अधिक लंबी, 1,500 सीसी से अधिक इंजन और 170 मिमी से अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस वाली) पर अब 50 प्रतिशत की बजाय 40 प्रतिशत कर लगेगा। केंद्र ने कंपनसेशन सेस यानी क्षतिपूर्ति उपकर भी वापस ले लिया है।
सायम का मासिक बिक्री आंकड़ा जारी किए जाने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में चंद्रा ने कहा कि कई दोपहिया वाहन मालिक अब कम कर दरों और बेहतर फाइनैंसिंग विकल्पों के कारण बड़े आकार की कार में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं एंट्री-लेवल कार की बात नहीं कर रहा, बल्कि एक उचित आकार की कार की बात कर रहा हूं। आने वाले महीनों में पता चलेगा कि छोटी कारों (सिडैन और हैचबैक) का सेगमेंट बढ़ेगा या नहीं। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।’
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान तेजी से बढ़ने वाला एसयूवी सेगमेंट अब संतुलित होता दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘कुल कार बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी अब 56 प्रतिशत है, जो पांच-छह साल पहले लगभग 29 प्रतिशत थी। उत्पाद चक्र अब ज्यादा स्थिर है और इसलिए आप एसयूवी की वृद्धि को संपूर्ण पीवी उद्योग के समान ही देख रहे हैं।’
चंद्रा का मानना है कि त्यौहारी अवधि के बाद भी मांग जारी रहेगी, क्योंकि नए खरीदारों की वजह से पैदा हुई मांग तुरंत पूरी नहीं हो सकती।