Byju’s breached loan terms: नकदी संकट (cash crunch) और कुप्रबंधन (mismanagement) के आरोपों से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजू (Byju’s) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच कंपनी को अब एक और झटका लगा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बायजू ने 42 मिलियन डॉलर के ऋण की शर्तों का उल्लंघन किया है और एक मध्यस्थ ने उसे समूह फर्म के कुछ शेयर नहीं बेचने के लिए कहा है।
साल 2022 तक बायजू भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप था, तब इसका मूल्य 22 अरब डॉलर था, लेकिन ऑडिटर के बाहर निकलने, नियामक जांच और इसके निवेशकों द्वारा कुप्रबंधन के लिए इसके सीईओ बायजू रवींद्रन को बाहर करने की मांग के बीच लगातार कंपनी की मुश्किलें बढ़ती गई। वर्तमान में कंपनी का मूल्य लगभग 25 करोड़ डॉलर है। कंपनी शुरुआत से ही अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज करती रही है।
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ताजा विवाद में, भारतीय अरबपति डॉ. रंजन पई के नेतृत्व वाली MEMG फैमिली ऑफिस ने मार्च में बायजू ग्रुप की कंपनी, आकाश एजुकेशन (Aakash Education) के कुछ शेयरों के पूर्व-सहमत हस्तांतरण के माध्यम से 42 मिलियन डॉलर के ऋण का भुगतान नहीं करने के लिए बायजू के खिलाफ मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की थी।
सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर के नियमों के तहत नियुक्त एक मध्यस्थ ने बायजू को आकाश के 4 मिलियन शेयरों का निपटान नहीं करने का आदेश दिया है। ऋण समझौते के अनुसार यह पिछले साल के आधार पर यह 6 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। मध्यस्थ ने यह आदेश गुरुवार यानी 4 अप्रैल को जारी किया था।
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आपातकालीन मध्यस्थ रितिन राय ने अपने आदेश में लिखा, “ऋण समझौते के उल्लंघन का मामला” बनाया गया है। बायजू ने रॉयटर्स की टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। बायजू के एक करीबी सूत्र ने कहा कि यह आदेश बायजू के लिए हानिकारक नहीं है और कंपनी इस मामले को सुलझाने के लिए MEMG के साथ बातचीत कर रही है।
आदेश में कहा गया है कि मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान, बायजू ने कहा कि वह समय पर कुछ निवेशकों से अनुमोदन प्राप्त नहीं कर सका, जो शेयरों को MEMG को हस्तांतरित करने के लिए आवश्यक थे।
बायजू हाल के महीनों में कर्मचारियों को भुगतान करने में भी असमर्थ रहा है क्योंकि यह अपने कुछ निवेशकों के साथ कानूनी विवाद के कारण हाल ही में जुटाई गई धनराशि तक नहीं पहुंच पा रहा है।