एडटेक फर्म बायजू ने कम वेतन पाने वाले 25 प्रतिशत कर्मचारियों को पूरा वेतन जारी कर दिया है। शेष कर्मचारियों को कंपनी ने आंशिक भुगतान किया है। निवेशकों के साथ चल रहे विवाद के कारण हालिया राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को “अलग खाते” में लॉक कर दिया गया है। इस कारण से कंपनी ने बाकी कर्मचारियों को आंशिक भुगतान किया है।
बायजू के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बायजू रवींद्रन ने कहा था कि एडटेक फर्म यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि 10 मार्च तक वेतन का भुगतान कर दिया जाए। कंपनी में लगभग 15,000 कर्मचारी हैं।
बायजू के प्रबंधन ने एक पत्र में कहा, “हमने कल देर रात (शुक्रवार) फरवरी के लिए सभी के लिए आंशिक वेतन का भुगतान किया है। राइट्स इश्यू फंड उपलब्ध होने के बाद कंपनी शेष राशि का भुगतान करेगी, जिसकी हमें जल्द ही उम्मीद है।” बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस पत्र की कॉपी देखी है।
पत्र में कहा गया, “हालांकि, आज दूसरा शनिवार होने और लंबे सप्ताहांत के कारण, हमें उम्मीद है कि वेतन सोमवार को आपके खातों में दिखाई देगा। हम इस देरी के कारण हुई किसी भी असुविधा के लिए क्षमा चाहते हैं और आपकी समझ के लिए आभारी हैं।’’
कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, बायजू ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से उसे फंड का इस्तेमाल करने की अनुमति देने की अपील की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कम वेतन पाने वाले 25 फीसदी कर्मचारियों को पूरा भुगतान कर दिया गया है। 27 फरवरी को NCLT में, बायजू और उसके निवेशकों ने कंपनी के 200 मिलियन डॉलर के राइट्स इश्यू पर उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी।
NCLT ने 27 फरवरी को अपने आदेश में एडटेक फर्म को राइट्स इश्यू से प्राप्त धनराशि को एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया था। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, राइट्स इश्यू से जुड़ा मामला सुलझने तक ये रकम नहीं निकाली जा सकती।
बायजू के पत्र में कहा गया है, “जैसा कि आप जानते हैं, निवेशकों के एक समूह ने राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाए गए धन को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे वे हमारे व्यवसाय के लिए अस्थायी रूप से अनुपलब्ध हो गए हैं।”
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पत्र में कहा गया, ”इस स्थिति ने कंपनी के लिए तत्काल वित्तीय बाधा पैदा कर दी है। हालांकि, हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हम इस मामले को सुलझाने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।’’ अंत में, कंपनी ने कहा कि उसने कर्मचारियों का दैनिक जीवन बाधित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक फंडिंग की व्यवस्था की है।
कंपनी ने कहा, “हमारे छात्रों को जिस जुनून और समर्पण के वे हकदार हैं, उनकी सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता हमेशा की तरह मजबूत बनी हुई है। हम अपना परिचालन सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं।”
सूत्रों के अनुसार, NCLT में बायजू के खिलाफ याचिका पर चार निवेशकों – प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक XV (पूर्व में सिकोइया) के साथ-साथ टाइगर ग्लोबल और ऑउल वेंचर्स जैसे अन्य शेयरधारकों के समर्थन द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। बायजू कई चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसमें नकदी की कमी, वित्तीय रिपोर्टिंग में देरी और ऋणदाताओं के साथ कानूनी विवाद शामिल हैं। कंपनी ने निवेशकों से कुल 5.08 अरब डॉलर जुटाए हैं।
बायजू के चार निवेशकों ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। वे चाहते हैं कि एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ दायर की जाने वाली याचिका पर किसी भी फैसले से पहले उनकी बात सुनी जाए।