facebookmetapixel
सरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?सेबी 17 दिसंबर की बैठक में करेगा हितों के टकराव और खुलासा नियमों की सिफारिशों पर विचार

पर रिटेलरों के सामने मुश्किल

Last Updated- December 07, 2022 | 5:05 AM IST

ईंधन की कीमतों में इजाफा होने से सरकारी तेल कंपनियों को कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन रिलायंस के बंद पड़े पेट्रोल पंपों के मालिक अब भी अपनी किस्मत को नहीं पढ़ पा रहे हैं।


उत्तर प्रदेश और तमाम दूसरे राज्यों में कंपनी के पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं और उनके बारे में किसी को अब कुछ नहीं पता है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सरकारी तेल कंपनियों की रियायती कीमतों के मुकाबले ज्यादा कीमत पर ईंधन बेचने से हो रहे घाटे को देखते हुए पिछले महीने अपने आउटलेट बंद कर दिए थे।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम के आउटलेटों के मुकाबले रिलायंस के आउटलेट पर पेट्रोल 10 रुपये और डीजल लगभग 6 रुपये महंगा बिक रहा था। रिलायंस के एक डीलर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी ने अब तक उन्हें नहीं बताया है कि आगे क्या होगा। उसने कहा, ‘हमने जो निवेश किया था, हमें नहीं पता कि अब उसका क्या होगा और रिलायंस इस बारे में कुछ नहीं बोल रही है।’

आरआईएल के अधिकारियों ने 12 मई को लखनऊ में डीलरों के साथ बैठक की थी और तालाबंदी के बाद उनके राय-मशविरे और शिकायतों के बारे में बातचीत की थी। उसके बाद वाराणसी और इलाहाबाद में भी ऐसी बैठकें की गईं।

एक अन्य डीलर ने शिकायत की कि 4 से 5 करोड़ का जो निवेश इन आउटलेटों पर किया गया था, वह बर्बाद हो रहा है क्योंकि आरआईएल की ओर से कोई सकारात्मक जवाब ही नहीं आ रहा है। कई डीलरों ने तो कर्ज लेकर आउटलेट खोले थे और अब उनकी कमाई ही बंद हो गई है।

खबरें तो इस तरह की भी हैं कि आरआईएल इन आउटलेट्स को अब मॉल्स और मल्टीप्लेक्स में तब्दील करने की योजना बना रही है। लेकिन कंपनी के प्रवक्ता ने इसे अटकलबाजी बताया। प्रवक्ता ने कहा, ‘हम निजी तेल विक्रेता कंपनियों के लिए भी बराबरी का मुकाबला तय करने के लिए सरकारी नीतियों का इंतजार कर रहे हैं, जो कंपनी, डीलरों और उपभोक्ताओं के हित में होगा।’

First Published - June 12, 2008 | 11:42 PM IST

संबंधित पोस्ट