प्रमुख एफएमसीजी कंपनी ब्रिटानिया का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में 23 फीसदी घटकर 384 करोड़ रुपये रहा गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 498 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही के दौरान पाम ऑयल, औद्योगिक ईंधन एवं पैकेजिंग लागत में वृद्धि होने से मुनाफे को झटका लगा। तिमाही के दौरान सामग्रियों पर कंपनी की लागत 8 फीसदी बढ़कर 1,915 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,768 करोड़ रुपये रही थी।
तिमाही के दौरान कंपनी की बिक्री 6 फीसदी बढ़कर 3,554 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 3,352 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी ने कहा कि 24 महीनों के आधार पर समेकित बिक्री और शुद्ध लाभ में क्रमश: 21 फीसदी और 18 फीसदी का इजाफा हुआ।
कंपनी के प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कहा, ‘हमें अप्रत्याशित महंगाई का सामना करना पड़ रहा है जैसे पाम ऑल की कीमतों में 54 फीसदी, औद्योगिक ईंधन में 35 फीसदी और पैकेजिंग सामग्रियों की कीमतों में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। तिमाही के दौरान महंगाई कुल मिलाकर करीब 14 फीसदी रही।’
एमेजॉन पे को घाटा, राजस्व बढ़ा
प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन की डिजिटल भुगतान इकाई एमेजॉन पे (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 1,769 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है जो पिछले वित्त वर्ष के बाद 29 फीसदी वृद्धि को दर्शाता है। बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टोफ्लर से प्राप्त नियामकीय दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है। कंपनी ने समान वित्त वर्ष के दौरान 1,516 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 19 फीसदी कम है। पूरे वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का कुल खर्च 3,285 करोड़ रुपये रहा। टोफ्लर के अनुसार, ऑनलाइन रिटेलर एमेजॉन ने भी एमेजॉन पे (इंडिया) में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह निवेश सिंगापुर की कंपनी एमेजॉन कॉरपोरेट और मॉरिशस की कंपनी एमेजॉन डॉट कॉम के जरिये किया गया। एमेजॉन पे ने एक अरब इक्विटी शेयर की पेशकश के साथ 20 अक्टूबर को यह पूंजी निवेश हासिल किया था।
शोभा का करोपरांत
लाभ बढ़ा
रियल एस्टेट डेवलपर शोभा का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 165 फीसदी बढ़कर 45.5 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले की समान तिमाही में 15 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही के दौरान कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 59 फीसदी बढ़कर 819 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही के दौरान कंपनी ने 1,030 करोड़ रुपये मूल्य के 13,48,864 वर्ग फुट बिल्ट-अप एरिया की बिक्री की जो उसके लिए अब तक की सर्वाधिक बिक्री है।
तिमाही के दौरान कच्चे माल की लागत एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 5 फीसदी घटकर 45 करोड़ रुपये रह गई।