वीडियोकॉन ऑयल वेंचर्स (VOVL) की दिवालियापन प्रक्रिया में नया मोड़ आया है। सरकार के स्वामित्व वाली भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) VOVL की ब्राजीलियाई एसेट्स खरीदने के लिए राइट ऑफ फर्स्ट रिफ्यूजल (RoFR) पर विचार कर रही है।
BPCL और वीडियोकॉन ऑयल वेंचर्स ने ब्राजील में संयुक्त उपक्रम भागीदारों के तौर पर सभी ब्लॉकों की खरीदारी की थी, लेकिन वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और उसकी सहायक इकाइयों की मौजूदा दिवालिया प्रक्रिया की वजह से इस ब्लॉक का विकास कार्य नहीं कर सकी।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि ऋणदाताओं द्वारा पिछले महीने तीन परिसंपत्तियां (एसेट्स) ब्राजीलियाई गैस ऑपरेटरों इनेवा एस ए (Eneva S A) और पेट्रोरियो (PetroRio) के हाथों बेचने का निर्णय लिए जाने के बाद बैंकों को BPCL की पेशकश प्राप्त हुई।
इन ब्लॉकों पर RoFR का अधिकार रखने वाली BPCL ने पेशकश का इस्तेमाल बैंकों का बकाया चुकाने के लिए करने का निर्णय लिया। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के खिलाफ बैंकों ने 63,000 करोड़ रुपये बकाया के दावे किए थे। जहां अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली ट्विन स्टार ने IBC के तहत VIL को अपनी झोली में डालने के लिए 3,000 करोड़ रुपये की पेशकश की, वहीं वीडियोकॉन की सभी परिसंपत्तियों के लिए एक अलग प्रक्रिया भी शुरू की गई थी।
ऋणदाताओं को पोटीगुआर बेसिन और सेरगिप बेसिन की बिक्री 25 करोड़ डॉलर और कैम्पोस बेसन की बिक्री 3 करोड़ डॉलर में करने की सशर्त मंजूरी दी गई थी। इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी के अनुसार, मूल बोली परिसंपत्ति मूल्य के लिए थी। इसलिए, BPCL ने अपनी पेशकश ऋणदाताओं के कंसोर्टियम को सौंप दी है।
इस मामले से अवगत एक अधिकारी ने कहा, ‘BPCL ने इस मामले में दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन इसके लिए कई सरकारी मंजूरियों की जरूरत होगी। बैंक कंसोर्टियम को BPCLकी पेशकश स्वीकार करने की जरूरत होगी। हमें जानकारी मिली है कि सभी ऋणदाताओं को BPCL की पेशकश स्वीकार करनी होगी।’
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उन्होंने कहा, ‘ऋणदाताओं द्वारा मंजूरी की प्रक्रिया और फिर भारत सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने में इसमें कम से कम दो-तीन महीने लग सकते हैं। वे सिर्फ ऐसेट वैल्यू लेकर देनदारियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। BPCL ने ढांचागत मूल्य की गणना की है और इसी के आधार पर ऋणदाताओं को राशि दी जाएगी।’
हालांकि BPCL की वैश्विक इकाई बीआरपीएल वेंचर्स बीवी और वीडियोकॉन एनर्जी ब्राजील शुरू में संबद्ध बेसिन में समान भागीदार थीं, लेकिन VOVL अन्वेषण संबंधित जिम्मेदारियों में विफल रहने के बाद BRPL की हिस्सेदारी बढ़ गई। मीडिया खबरों के अनुसार, BPCL मौजूदा समय में इन परिसंपत्तियों में करीब 61 प्रतिशत की हिस्सेदार है जबकि वीओवीएल की शेष 39 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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VIL के एक अधिकारी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय पर आधारित होगी, क्योंकि वह ट्विन स्टार द्वारा सौंपी गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है। ट्विन स्टार ने कंपनी के लिए फिर से बोली लगाने के संबंध में एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अनुरोध किया था।