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Blackstone की बड़ी चाल! एक्जोनोबेल इंडिया को खरीदने की कोशिश में कंपनी, 1.2 अरब डॉलर का सौदा संभव

ब्लैकस्टोन भारत के उपभोक्ता खुदरा, स्वास्थ्य देखभाल एवं आईटी क्षेत्र में निवेश करने की योजना को अंजाम देने में जुटी हुई है और यह गैर-बाध्यकारी समझौता उसी रणनीति का हिस्सा है।

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देव चटर्जी   
Last Updated- March 16, 2025 | 10:36 PM IST

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वैकल्पिक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ब्लैकस्टोन इंक ने नीदरलैंड की बहुराष्ट्रीय कंपनी एक्जोनोबेल एनवी का भारतीय कारोबार खरीदने की पेशकश की है। ब्लैकस्टोन ने इस सौदे के लिए गैर-बाध्यकारी (नॉन-बाइंडिंग) प्रस्ताव दिया है। एक्जोनोबेल ड्यूलक्स ब्रांड के तहत भारत में उत्पादों की बिक्री करती है। कुछ दिन पहले अमेरिकी कंपनी ब्लैकस्टोन ने भारत में 100 अरब डॉलर निवेश करने का घोषणा की थी और उसके बाद ही कंपनी की तरफ से यह पेशकश रखी गई है।

ब्लैकस्टोन भारत के उपभोक्ता खुदरा, स्वास्थ्य देखभाल एवं आईटी क्षेत्र में निवेश करने की योजना को अंजाम देने में जुटी हुई है और यह गैर-बाध्यकारी समझौता उसी रणनीति का हिस्सा है। ये सभी कारोबारी दुनिया के अन्य निवेशकों का भी ध्यान खींच रहे हैं। बैंकरों के अनुसार दोनों कंपनियों से जुड़ा यह सौदा लगभग 1.2 अरब डॉलर में पूरा हो सकता है।

एक्जोनोबेल की उसकी भारतीय इकाई में फिलहाल 74.76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी ने हाल में कहा कि वह एक्जोनोबेल इंडिया से पाउडर कोटिंग कारोबार और अंतरराष्ट्रीय शोध सेंटर खरीद रही है। इस सौदे में स्थानीय डेकोरेटिव पेंट कारोबार के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार उसकी भारतीय इकाई को भी बेचने का प्रस्ताव शामिल है। 

शुक्रवार तक कंपनी की भारतीय इकाई का बाजार मूल्यांकन 14,259 करोड़ रुपये था। अगर एक्जोनोबेल ने यह गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव स्वीकार कर लिया तो ब्लैकस्टोन इस संभावित सौदे से जुड़े दूसरे पहलुओं पर काम करना शुरू कर देगी और और अंतिम पेशकश रख देगी। कहा जा रहा है कि जेएसडब्ल्यू समूह और पिडिलाइट भी गैर-बाध्यकारी पेशकश कर सकती हैं।

जब इस मामले पर और जानकारी के लिए ब्लैकस्टोन से संपर्क साधा गया तो उसने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एक्जोनोबेल ने भी इस संबंध में भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं  दिया।

वित्तीय नतीजों के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में एक्जोनोबेल ने कहा था कि उसे कैलेंडर वर्ष 2025 से पहले भारतीय कारोबार की बिक्री से जुड़ा सौदा पूरा हो जाने की उम्मीद है। एक्जोनोबेल इस कारोबार में लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रख सकती है। जे पी मॉर्गन के विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी प्रबंधन पूरा सौदा नकद में करने चाहती है। ब्लैकस्टोन के चेयरमैन एवं सीईओ स्टीफन ए श्वार्जमैन पिछले सप्ताह भारत दौरे पर आए थे। उन्होंने भारत में कंपनी की कारोबारी योजनाओं को लेकर प्रतिबद्धता जताई। श्वार्जमैन ने कहा कि स्थानीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट के बावजूद भारत की वास्तविक अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सबसे अधिक रही है और मुझे नहीं लगता कि निकट से मध्यम अवधि में यह रुझान बदलने वाला है। अन्य देशों की तुलना में भारत में सरकारी तंत्र अधिक प्रभावी है। वैसे तो किसी भी सरकार के सभी निर्णय बिल्कुल सटीक नहीं होते हैं मगर यहां कुल मिलाकर सरकारी नीति एवं फैसले बेहतर ही रहे हैं। बढ़ती आबादी भी आर्थिक विकास में सहायक है क्योंकि भारत दुनिया के कुछ उन देशों में शामिल हैं जहां काम करने लायक आबादी घटने के बजाय बढ़ रही है।’

ब्लैकस्टोन ने 2005 में 1 अरब डॉलर निवेश के साथ भारत में कारोबारी यात्रा का आगाज किया था। पिछले 20 वर्षों के दौरान कंपनी लगभग 50 अरब डॉलर निवेश कर चुकी है। इस समय कंपनी के पास 1.1 लाख करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां हैं। 

First Published : March 16, 2025 | 10:33 PM IST