भारत की आईटी राजधानी बेंगलूरु में खराब बुनियादी ढांचा और नागरिकों तथा कंपनियों में बढ़ती निराशा एक बार फिर सामने आई है। ऑनलाइन ट्रकिंग प्लेटफॉर्म ब्लैकबक के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी राजेश याबाजी ने कहा कि कंपनी बेंगलूरु के आउटर रिंग रोड के किनारे स्थित अपने बेल्लंदूर कार्यालय को वहां बंद कर दूसरे जगह ले जा रही है। उन्होंने दफ्तर तक आने-जाने में ज्यादा समय लगने और खस्ताहाल सड़क को इसकी मुख्य वजह बताया।
याबाजी ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ओआरआर (बेल्लंदूर) पिछले 9 वर्षों से हमारा कार्यालय + घर रहा है लेकिन अब इसे जारी रखना बहुत, बहुत मुश्किल है। इसलिए हमने यहां से बाहर निकलने का फैसला किया है।’
बेंगलूरु में रखरखाव के अभाव में सड़कें गड्ढों से अटी पड़ी हैं और सड़कों पर भारी यातायात जाम आम बात हो गई है। इसके साथ ही पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन की कमी और मेट्रो रेलवे के विकास की धीमी गति लोगों को दफ्तरों तक पहुंचना किसी दुस्वप्न से कम नहीं है।
तकरीबन एक दशक से ओआरआर शहर की बुनियादी ढांचा संबंधी परेशानियों से जूझ रहा है। इसके दोनों किनारों पर जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सैक्स से लेकर वॉलमार्ट, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और आईबीएम जैसी दिग्गज कंपनियों के दफ्तर हैं लेकिन दफ्तर से बाहर निकलते ही जमीनी हकीकत आपको बुरी तरह से झकझोर देती है।
याबाजी ने कर्मचारियों द्वारा सामना की जाने वाली दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘मेरे सहयोगियों के लिए औसत आवागमन का समय बढ़कर डेढ़ घंटे से ज्यादा (एक तरफ) हो गया है। सड़कें गड्ढों और धूल से भरी हैं। हमें अगले 5 वर्षों में इसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।’
सूत्रों के अनुसार ब्लैकबक की बेंगलूरु से बाहर निकलने की नहीं है बल्कि शहर में एक अलग स्थान पर कार्यालय स्थानांतरित करने की योजना है।
ब्लैकबक द्वारा सामना की जा रही स्थिति के बारे में इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने एक्स पर कहा, ‘बेंगलूरु में प्रशासन की यह बड़ी विफलता है।’ पई हमेशा शहर में बुनियादी ढांचा की कमी को लेकर मुखर रहे हैं और उन्होंने बार-बार राज्य सरकारों से इस समस्या का हल करने का आग्रह किया है।
बायोकॉन लिमिटेड और बायोकॉम बायोलॉजिक्स की कार्यकारी चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने कहा, ‘यह गंभीर मसला है। इसके समाधान के लिए तुरंत उपाय किए जाने चाहिए।’
भारत की सिलिकन वैली कहे जाने वाले बेंगलूरु में 3,500 से अधिक आईटी कंपनियां हैं, जो लगातार बुनियादी ढांचे की समस्याओं से जूझ रही हैं। टूटी-फूटी सड़कों और गंभीर जल संकट के साथ-साथ जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से मामूली बारिश होने पर भी शहर के कई इलाकों में जलजमाव हो जाता है। बेंगलूरु के यातायात जाम पर बढ़ती निराशा के साथ स्टार्टअप और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की चिंता बढ़ रही है।