यश बिड़ला समूह की बिड़ला पावर सॉल्यूशंस लिमिटेड (बीपीएसएल) डीजल इंजन का निर्माण करने जा रही है।
बीपीएसएल की योजना इसके लिए 500 करोड़ रुपये का अधिग्रहण करने की है। इसके लिए यह कपंनी फिलहाल 4-5 घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। अनुमान है कि कंपनी अगले 9 से 15 महीने में इस कारोबार में उतर जाएगी।
बीपीएसएल अध्यक्ष और सीईओ कल्याण भट्टाचार्य ने बताया कि कंपनी की योजना डीजल, पेट्रोल, एलपीजी और केरोसिन जेनेरेटर के क्षेत्र में उतरने की है। हालांकि इसके बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
भट्टाचार्य के मुताबिक, अधिग्रहण का आकार कंपनी द्वारा बनाए जाने वाले इंजन की हॉर्स पावर पर निर्भर करेगा। वैसे कंपनी की नजर 25 से 200 हॉर्स पावर का डीजल इंजन बनाने वाली कंपनी पर है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने अधिग्रहण के लिए निवेशक बैंक की नियुक्ति कर दी है। धन का इंतजाम कर्ज और पूंजी दोनों के जरिए किया जाएगा।
अनुमान है कि इसमें पूंजी की हिस्सेदारी करीब 15-20 फीसदी होगी। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ”घरेलू बाजार में बीपीएसएल की नजर उन कंपनियों पर है जिसमें विदेशी भागीदारी है या जिनके उत्पाद तो बेहतर हों पर विपणन में वह कंपनी कमजोर रही है। बीपीएसएल ऐसी कंपनियों को बिक्री और विपणन की बेहतर सेवाएं मुहैया कराएगी।”
इसके अलावा कंपनी की योजना अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में उपक्रम लगाने की है। कंपनी की मार्च 2010 तक देश के 40 शहरों में 250 बिड़ला पावर शॉपी खोलने की योजना है। फिलहाल इसके 60 आउटलेट्स मौजूद हैं। इसका उदेश्य पावर सॉल्यूशंस की संपूर्ण रेंज एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने की है।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले 2 साल में हमारी 1 लाख जनेरेटर बेचने की योजना है। हमें अपनी क्षमता बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे 2011-12 तक 500 करोड़ रुपये का मुनाफा हो सकता है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2008-09 में 223 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है।
बीपीएसएल 1984 में यामाहा के सहयोग से शुरू हुई थी। फिलहाल इसका आकार 2,500 करोड़ रुपये का है। मौजूदा समय में जेनेरेटर बनाने वाली कंपनी विभिन्न तरह की बिजली से संबधित उत्पाद बना रही है।
