भारत के शिक्षा से जुड़े (एडटेक) स्टार्टअप में 2020 में 2.22 अरब डॉलर का निवेश आया है, जबकि 2019 में 55.3 करोड़ रुपये निवेश आया था। इंडियन प्राइवेट इक्विटी ऐंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) और पीजीए लैब्स के आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है।
आईवीसीए की हाल में जारी रिपोर्ट ‘द ग्रेट अन-लॉकडाउन : इंडियन एडटेक’ से पता चलता है कि 2020 में इस क्षेत्र की 92 कंपनियों को धन मिला है, जिनमें से 61 कंपनियों को शुरुआती धन मिला है।
बायजू और अनएकेडेमी को 2020 सबसे ज्यादा क्रमश: 2.32 अरब डॉलर और 35.4 करोड़ डॉलर निवेश आया है। वहीं बी2बी एडटेक को 2017 से 2020 के दौरान कुल 3.1 करोड़ डॉलर मिले हैं। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में शिक्षा का बाजार 117 अरब डॉलर का है, जिसमें 2019-20 में 36 करोड़ लर्नर थे। रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि करीब 49 अरब डॉलर स्कूल की शिक्षा पर खर्च किए गए हैं, जिसमें से 66 प्रतिशत प्राथमिक शिक्षा पर और 27 प्रतिशत माध्यमिक शिक्षा पर खर्च हुए हैं। करीब 42 अरब डॉलर पूरक शिक्षा पर खर्च हुए हैं, जिनमें निजी कोचिंग और परीक्षा की तैयारियां शामिल हैं।
शिक्षा और एडटेक बाजार को 5 क्षेत्रों में बांटा जा सकता है- प्री के, के-12 और परीक्षा की तैयारियां, उच्च शिक्षा, सतत शिक्षा और बी2बी शिक्षा।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 25 तक शिक्षा का बाजार बढ़कर 225 अरब डॉलर हो जाने की संभावना है जिसमें वित्त वर्ष 20 से 25 के बीच 14 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ोतरी होगी।
आईवीसीए के अध्यक्ष रजत टंडन ने कहा, ‘एडटेक एक सेक्टर है, जो मूर के नियम से जुड़ा हुआ है। तकनीक के उन्नत होने और शिक्षा तकनीक आने से भारत में बहुत बदलाव आया है। इस रिपोर्ट में एडटेक में निवेश गतिविधियों और अगले दशक में होने वाले भविष्य के संभावित नवोन्मेषों के बारे में दिया गया है। वैश्श्विक स्तर पर यह तमाम उद्यमियों के लिए परीक्षण का समय है, वहीं भारत में एडटेक साफतौर पर विजेता बनकर उभरा है। इसरिपोर्ट में यह भी अनुमान लगााय गया है कि नए यूनीकॉर्न विश्व मेंं किस तरह से मौजूद हैं।’ प्राक्सिस ग्लोबल अलायंस में शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता के प्रैक्टिस लीडर मधुर सिंघल ने कहा, ‘वैश्विक रूप स ेशिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों की जरूरतों में व्यापक बदलाव हुआ है। स्वाध्याय पर ध्यान बढ़ा है। पेशेवर शिक्षा के पाठ्यक्रमों के माध्यम से स्कूल व कॉलेज से इतर पढ़ाई आदि वजहों से नवोन्मेषों को अवसर मिल रहा है।’