निजी क्षेत्र की देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी भारती शिपयार्ड ने ग्रेट ऑफशोर में 14.89 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है।
कंपनी के मुताबिक, कुल 55.3 लाख शेयर के लिए उसने 315 रुपये की दर से 174 करोड़ रुपये का भुगतान किया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल ग्रेट ऑफशोर के संस्थापक और प्रबंध निदेशक विजय सेठ ने 200 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए अपने शेयर भारती शिपयार्ड के पास गिरवी रख दिए थे। यह सूचना हालांकि गुरुवार को कारोबार बंद होने के बाद दी गई।
वैसे गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज में ग्रेट ऑफशोर के शेयरों में तेजी देखी गई। तब ग्रेट ऑफशोर के शेयर करीब 2 फीसदी की बढ़ोतरी से 295.45 रुपये तक पहुंच गए थे। दूसरी ओर भारती शिपयार्ड के शेयर में करीब 10 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 96.35 रुपये प्रति शेयर तक पहुंच गए।
भारती शिपयार्ड के प्रबंध निदेशक पी. सी. कपूर ने बताया कि कंपनी ने अपने यहां गिरवी रखे ग्रेट ऑफशोर के शेयरों को खरीदने का निर्णय किया है। कपूर के मुताबिक, ऐसा लंबे समय के लिए के लिए निवेश की योजना ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
भारती शिपयार्ड समूह की दो कंपनियां नैचुरल पावर वेंचर्स और धनश्री प्रॉपर्टीज ने यह हिस्सेदारी खरीदी है। ग्रेट ऑफशोर ने यह हिस्सेदारी अद्वितीय ऊर्जा और विशुद्ध ऊर्जा के पास गिरवी रखी थी। कपूर के मुताबिक, ”निवेश से दीर्घकालीन फायदे होने वाले हैं और इससे भारती शिपयार्ड की स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूत होगी।”
उल्लेखनीय है कि ग्रेट ऑफशोर ऑफशोर और ऑयलफील्ड सेवाएं देती हैं, जबकि भारती शिपयार्ड ऑफशोर वेसेल और रिग बनाया करती है। भारती शिपयार्ड के पास रिग डिलिवरी के लिए करीब 23 करोड़ डॉलर के ऑर्डर ग्रेट ऑफशोर से है। इसे मई तक डिलिवर करना है।
भारती शिपयार्ड के प्रबंध निदेशक विजय कुमार ने बताया कि इन दोनों कंपनियों के बीच काफी सहयोग है। ग्रेट ऑफशोर में रणनीतिक निवेश दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी में वृद्धि होगी। कुमार ने बताया कि इसके विस्तार करने से भारती का निवेश मूल्यवान होता जाएगा।
