फिनटेक फर्म भारतपे का एबिटा अक्टूबर में धनात्मक हो गया और इसका वाषिक राजस्व बढ़कर 1,500 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की तुलना में इसमें 31 प्रतिशत का इजाफा हुआ। कंपनी ने यह जानकारी दी है।
गुरुग्राम की इस फिनटेक यूनिकॉर्न ने कहा कि उसने अपने कारोबारी कायक्षेत्रों में वृद्धि के कारण एबिटा धनात्मक कर लिया है और इसके एबिटा नुकसान में कमी आई है, जो वित्त वर्ष 23 में प्रति माह औसतन 60 करोड़ रुपये था।
भारतपे के सीएफओ और अंतरिम मुख्य कार्याधिकारी नलिन नेगी ने कहा ‘यह खास उपलब्धि हमारे 1.3 करोड़ से अधिक व्यापारी साझेदारों के विशाल नेटवर्क द्वारा हम पर किया गया विश्वास दर्शाती है। अक्टूबर हमारे लिए बहुत अच्छा महीना रहा। हमने अपने प्लेटफॉर्म पर ऋण सुविधा के मामले में खासा इजाफा हासिल किया।’
कंपनी ने कहा कि उसने अपने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की साझेदारी में अपने व्यापारिक आधार को 640 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरण में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। इसका दावा है कि साल 2019 में ऋण कारोबार में प्रवेश करने के बाद से उसने 12,400 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा प्रदान की है।
भारतपे ने कहा कि उसके डिजिटल भुगतान कार्यक्षेत्र ने 37 करोड़ लेनदेन की मासिक संख्या दर्ज की है। कंपनी ने कहा कि उसने अक्टूबर में अपने भुगतान साधनों में 14,000 करोड़ रुपये की कुल भुगतान मात्रा (टीपीवी) दर्ज की है, जिसमें साउंडबॉक्स उपकरण भी शामिल हैं।
नेगी ने कहा ‘आने वाले महीनों में हम अपने ऋण, पीओएस (प्वाइंट-ऑफ-सेल) तथा साउंडबॉक्स कारोबार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हम अपने उपभोक्ता और एनबीएफसी कारोबारों के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने व्यापारी साझेदारों के लिए तैयार नए साधन पेश करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।’
कंपनी ने कहा कि उसका पीओएस कारोबार सालाना 29,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान संपन्न करता है। कंपनी के कुछ निवेशकों में कोट्यू, रिबिट कैपिटल, टाइगर ग्लोबल, पीक 15 पार्टनर्स (पहले सिकोया कैपिटल इंडिया) शामिल हैं।