अप्लाइड मटीरियल्स इंक भारत में कारखाना बनाने की सोच रही है, जिसमें वह अपने उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले पुर्जे बनाएगी। उसके बेहद जटिल उत्पादों का इस्तेमाल सेमीकंडक्टर चिप बनाने में किया जाता है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि 17.2 अरब डॉलर की अमेरिकी कंपनी अप्लाइड मटीरियल्स सेमीकंडक्टर उद्योग को उपकरण, सेवाएं और सॉफ्टवेयर मुहैया कराने के मामले में दुनिया की अग्रणी कंपनी है। वह कारखना लगाने के बारे में भारत सरकार से बात कर रही है। योजना अमल में आ गई तो देश में सेमीकंडक्टर उद्योग बनाने की सरकार की इच्छा को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही भारत कंपनी की वैश्विक आपूर्ति शृंखला का हिस्सा भी बन जाएगा।
सरकार सेमीकंडक्टर उद्योग तैयार करने की योजना में पहले दो मौकों पर नाकाम रही। पहली बार वर्ष 2007 में इंटेल को फैब संयंत्र स्थापित करने के लिए लाने की कोशिश असफल रही थी। दूसरी बार 2013 में सरकार ने फैब इकाइयां स्थापित करने के लिए दो परियोजनाओं को मंजूरी दी, लेकिन ये इकाइयां शुरू नहीं हो पाईं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अप्लाइड मटीरियल्स उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत यहां आएगी या खुद ही आएगी।
सरकार ने सेमीकंडक्टर और तकनीक प्रधानता वाले क्षेत्रों में निवेश लाने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत एक अधिकार प्राप्त समिति गठित की है। हाल में देश में एक फैब संयंत्र स्थापित करने के लिए संभावित वैश्विक एवं भारतीय कंसॉशिर्यम से अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए गए हैं ताकि समझा जा सके कि उन्हें किस तरह के प्रोत्साहन मुहैया कराने की जरूरत होगी। सरकार ने इस क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए 1 अरब डॉलर की धनराशि रखी है।
अमेरिका की यह दिग्गज कंपनी भारत में अपना वेंचर कैपिटल फंड अप्लाइड वेंचर्स भी ला रही है, जो डीप टेक्नोलॉजी क्षेत्र की स्टार्टअप में निवेश करेगा। भारत में कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी सूरज रंगराजन ने कहा, ‘हम स्टार्टअप क्षेत्र में भागीदारी के बारे में विचार कर रहे हैं। पिछले दो साल के दौरान तकनीक आधारित बहुत सी तकनीक स्टार्टअप स्थापित हुई हैं। हमारा तरीका उन्हें गति देने वाले साझेदार के रूप में काम करना होगा। जहां हमें उपयोगिता नजर आएगी, वहां हम निवेश करेंगे बशर्ते वे सेमीकंडक्टर कारोबार से संबंधित हों।’ हालांकि कंपनी ने देश में विनिर्माण पर सरकार के साथ चर्चा के बारे में कुछ कहने से इनकार कर दिया।