भारत की सबसे बड़ी अस्पताल शृंखला की मालिक कंपनी अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड देश में पहले और दूसरे दर्जे के शहरों में अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है।
इसके लिए वह अगले 2 साल में कम से कम 15 नए अस्प्ताल खोलेगी। इन पर तकरीबन 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।कंपनी ने इसके अलावा विदेशों में विस्तार की भी योजना बनाई है। इसके तहत वह अफ्रीकी देशों में अस्पताल खोलेगी।
अपोलो के अध्यक्ष प्रताप रेड्डी ने बताया, ‘अस्पताल निर्माण के लिए हम घाना पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम इसके लिए तंजानिया को गंभीरता से देख रहे हैं। हमारी टीम अंगोला पर भी विचार कर रही है। कुल मिला कर हम अफ्रीका में चार-पांच स्थानों पर अस्पताल बनाए जाने की संभावना तलाश रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि अपोलो के स्वामित्व वाली ये सभी नई परियोजनाएं होंगी।
उन्होंने कहा कि लोग हमेशा अपनी परियोजनाओं को लेकर ब्रिक (ब्राजील, रूस, भारत, चीन) की अर्थव्यवस्थाओं की बात करते रहे हैं, लेकिन अब हमने इसे बदल कर ‘ब्रिका’ कर दिया है यानी इसमें अफ्रीका को भी जोड़ दिया है।उन्होंने कहा, ‘हमें चीन से भी इस तरह का प्रस्ताव मिला है। यदि बिजनेस मॉडल इसके अनुकूल होता है तो हम इस पर विचार करेंगे।’
अपोलो ने 18 महीनों में अस्पतालों के बिस्तरों की संख्या 8 हजार से बढ़ा कर 10 हजार करने की योजना बनाई है। कंपनी की अगले दो वर्षों में तकरीबन 10 अरब रुपये के निवेश से पहले और दूसरे दर्जे के शहरों में लगभग 15 अस्पताल खोलने की योजना है।
उन्होंने कहा कि कंपनी मरीजों को लग्जरी होटलों में स्थानांतरित करने जैसे तरीकों को अपना कर मरीजों के ठहरने का समय कम कर रही है। मरीजों के ठहरने के मौजूदा समय 5.4 दिन को कम कर 4.9 दिन किया जा रहा है।रेड्डी ने कहा, ‘हम इस कार्य को इस वर्ष पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसके लिए मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत होगी।’