एमेजॉन ने आसान की 10 लाख से अधिक छोटे व्यवसायों की डिजिटलीकरण की राह

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 10:42 AM IST

तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एमेजॉन का कहना है कि उसने भारत में दस लाख से अधिक छोटे एवं मझोले व्यवसायों (एसएमबी) के डिजिटलीकरण को सक्षम बनाया है। अकेले इस साल ही 1,50,000 से अधिक नए विक्रेता एमेजॉन से जुड़े हैं। यह देश में छोटे व्यवसायों द्वारा तकनीक को अपनाने के सबसे बड़े उदाहरणों में से एक है। कोविड-19 महामारी के चलते भी छोटे एवं मझोले व्यवसाय तकनीक का इस्तेमाल करने में तेजी दिखा रहे हैं।  
एमेजॉन एसएमबी इंपेक्ट रिपोर्ट 2020 के अनुसार कंपनी ने जिन उद्यमों को डिजिटलीकरण सक्षम किया गया है, उनमें विक्रेता, वितरण एवं लॉजिस्टिक साझेदार, आस-पास के स्टोर, विभिन्न उद्यम, डेवलपर, सामग्री निर्माता तथा लेखक शामिल हैं। ये एसएमबी लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करते हैं।
एमेजॉन इंडिया के उपाध्यक्ष मनीष तिवारी ने कहा, ‘हमने पहली बार एसएमबी क्षेत्र पर एमेजॉन के प्रभाव को मापा है। ऐसा करने का एक कारण कोविड-19 भी था।’ उन्होंने कहा, ‘कोरोना के बाद हमारे विक्रेता पंजीकरण में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अप्रैल में लॉन्च की गई ‘दी लोकल शॉप्स’ पहल के अंतर्गत अब हमारे पास 22,000 से अधिक स्टोर हैं। वैकल्पिक आय की खोज कर रहे स्थानीय स्टोर चाहे ‘एमेजॉन ईजी स्टोर’ का हिस्सा बने हों या ‘आई हैव स्पेस’ अभियान का, कोरोना काल में इन सभी में तेजी देखने को मिली है।’  इस साल की शुरुआत में जेफ बेजोस के नेतृत्व वाली एमेजॉन ने एक करोड़ एसएमबी को डिजिटाइज करने के लिए 1 अरब डॉलर का निवेश करने के साथ 10 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स निर्यात को सक्षम करने एवं वर्ष 2025 तक 10 लाख नौकरियों का वादा किया था।
एमेजॉन इंडिया में वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख (भारत) अमित अग्रवाल कहते हैं, ‘भारत में एमेजॉन से 10 लाख से अधिक छोटे व्यवसायों का जुडऩा प्रशंसनीय है। हम कारोबार एवं नवीन पहलों के प्रति उद्यमशीलता की भावना, रचनात्मकता, संकल्प तथा विश्वास से प्रेरित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘प्रौद्योगिकी एवं डिजिटलीकरण एसएमबी को विस्तारित पहुंच तथा अवसरों की उपलब्धता में अहम भूमिका निभाएगा और हम उनकी सफलता में निवेश करने एवं साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
एसएमबी इंपैक्ट रिपोर्ट 2020 भारत में एमेजॉन के साथ काम करने वाले 10 लाख से अधिक छोटे एवं मझोले व्यवसायों की सफलता पर एक नजर उपलब्ध कराता है। एमेजॉन का कहना है कि यह उन्हें अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचकर व्यवसाय शुरू करने तथा उसे व्यापक बनाने के विभिन्न अवसर प्रदान कर रहा है। इसकी मदद से वे वैश्विक स्तर पर ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों के निर्यात, वितरण आदि  में सक्षम हो रहे हैं। यह उन्हें क्लाउड का उपयोग करने और अपने व्यवसायों को विस्तारित करने, वॉयस ऐप बनाने और अपनी खुद की किताबें प्रकाशित करने की अनुमति दे रहा है।
एमेजॉन ने कहा कि साल 2020 में 4,152 से अधिक भारतीय विक्रेताओं ने एक करोड़ रुपये अधिक की बिक्री कर ली है और करोड़पति व्रिकेताओं का संख्या सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। एमेजॉन लॉन्चपैड पर उभरते ब्रांडों के कारोबार में सालाना आधार पर 135 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सहेली कार्यक्रम के तहत महिला उद्यमियों ने देखा कि उनका व्यवसाय लगभग 15 गुना बढ़ गया है। कारीगर कार्यक्रम में शामिल बुनकरों एवं कारीगरों के कारोबार में 2.8 गुना की वृद्धि हुई।  
एमेजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल के दौरान देश भर के 6,542 पिन कोड से 1,24,000 से अधिक विक्रेताओं ने ऑर्डर प्राप्त किया। 66,000 से अधिक विक्रेताओं की एकल दिवस की सर्वाधिक बिक्री हुई।
एमेजॉन के बी-टु-बी मार्केटप्लेस ने पिछले साल के मुकाबले बिक्री में 85 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। वर्ष 2020 के दौरान मासिक ऑर्डर वॉल्यूम में 64 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस बी-टु-बी मार्केटप्लेस पर 3,70,000 से अधिक विक्रेता 20 करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) सक्षम उत्पादों की पेशकश करते हैं।
कंपनी के वैश्विक बिक्री कार्यक्रम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने में भी मदद मिल रही है। एमेजॉन की 15 अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटों पर अब 70,000 से अधिक भारतीय निर्यातक दुनिया भर में लाखों मेड इन इंडिया उत्पाद बेच रहे हैं। इस कार्यक्रम में भारतीय एसएमबी और ब्रांडों ने संचयी निर्यात में 15,000 करोड़ रुपये का स्तर पार कर लिया है।
वार्षिक ब्लैक फ्राइडे, साइबर मंडे बिक्री के दौरान वैश्विक स्तर पर एमेजॉन ग्लोबल सेलिंग पर भारतीय निर्यातकों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। भारतीय विक्रेताओं ने उत्तरी अमेरिका, यूरोपीय संघ, पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका में लगभग तीन गुना ज्यादा मांग देखी है। आई हैव स्पेस कार्यक्रम के जरिये आस-पास की 28,000 से अधिक दुकानों ने 350 से अधिक शहरों में अंतिम छोर तक डिलिवरी को पूरा किया है। वे पूरक आय के रूप में प्रति माह औसतन 12,000 से 15,000 रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।
एमेजॉन ईजी के द्वारा भी ई-कॉमर्स में नए ग्राहकों को मदद पहुंचाई गई है। आज देश भर में 55,000 से अधिक स्थानीय दुकानें इस कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं। वर्ष 2020 में एमेजॉन ईजी से जुड़ी नई दुकानों के मामले में पिछले साल के मुकाबले 565 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। गैर-महानगरों वाले शहरों में 45,500 से अधिक एमेजॉन ईजी दुकानों की शुरुआत की गई थी।

First Published : December 22, 2020 | 12:32 AM IST