facebookmetapixel
Saudi Arabia bus accident: मदीना में दर्दनाक बस हादसा! कई भारतीयों के मारे जाने की आशंका; विदेश मंत्री ने जारी किया बयानभारत करेगा पहली बार US से LPG आयात! 2026 की 10% जरूरत एक ही डील में पूरीक्यों बढ़ रही हैं यील्ड और घट रही है लिक्विडिटी? SBI रिपोर्ट ने विस्तार से बतायाSBI अकाउंट हो तो तुरंत पढ़ें! mCASH बंद होने वाला है, बिना रजिस्ट्रेशन पैसे नहीं भेज पाएंगे₹650 डिस्काउंट पर मिलेगा अदाणी का दिग्गज शेयर! 3 किस्तों में पेमेंट, कंपनी ला रही ₹25,000 करोड़ का राइट्स इश्यूछोटी कारों की CAFE छूट पर उलझी इंडस्ट्री; 15 कंपनियों ने कहा ‘ना’, 2 ने कहा ‘हां’Tenneco Clean Air IPO: तगड़े GMP वाले आईपीओ का अलॉटमेंट आज हो सकता है फाइनल, फटाफट चेक करें ऑनलाइन स्टेटसचीनी लोग अब विदेशी लग्जरी क्यों छोड़ रहे हैं? वजह जानकर भारत भी चौंक जाएगाक्रिमिनल केस से लेकर करोड़पतियों तक: बिहार के नए विधानसभा आंकड़ेPEG रेशियो ने खोला राज – SMID शेयर क्यों हैं निवेशकों की नई पसंद?

एल्स्टॉम, जीई, सीमेंस के बीच छिड़ी ट्रेन इंजन बनाने की जंग

Last Updated- December 07, 2022 | 1:42 PM IST

विदेशी कंपनियां एल्स्टॉम एसए, जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी और सीमेंस एजी भारत में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के साथ ट्रेन इंजन बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।


बीएचईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के. रवि कुमार ने बताया कि चुने गए वैश्विक साझेदार की भारतीय रेलवे के साथ इस उपक्रम में 50 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। भारतीय रेलवे 660 रेल इंजनों के निर्माण के लिए पूर्वी बिहार में एक फैक्टरी स्थापित करेगी। उसके  ठेके के लिए 30 जुलाई को शुरुआती बोली स्वीकार की जाएगी।

रवि कुमार ने एक साक्षात्कार में कहा , ‘हम जीई, एल्स्टॉम और सीमेंस के साथ बातचीत कर रहे हैं और इसका सकारात्मक परिणाम सामने आ जाएगा।’ विश्व की सबसे बड़ी ट्रेन निर्माता एल्स्टॉम, जनरल इलेक्ट्रिक और सीमेंस घरेलू स्तर पर मांग में कमी आने के कारण भारत और चीन में अपने कारोबार का विस्तार कर रही हैं। रवि कुमार ने बताया कि सरकारी कंपनी बीएचईएल चार सालों में विद्युत उपकरण के अलावा अन्य इकाइयों से अपना राजस्व 25 फीसदी से बढ़ा कर 30 फीसदी करना चाहती है।

मैकक्यूरी रिसर्च के विश्लेषकों इंदरजीतसिंह भाटिया और सोमेश अग्रवाल के मुताबिक जून के अंत में कंपनी के पास 8500 करोड़ रुपये की नकदी थी। उन्होंने 23 जुलाई को अपने ग्राहकों को लिखे एक नोट में कहा था, ‘नए व्यावसायिक क्षेत्रों या नए बाजारों में दस्तक देने के लिए बीएचईएल की बैलेंस शीट मजबूत है।’ भारतीय रेलवे ने 12,000 हॉर्सपावर वाले कम से कम 660 रेल इंजनों की आठ वर्षों तक आपूर्ति और दो दशक तक रखरखाव सुविधा मुहैया कराने के लिए बिहार में सामूहिक रूप से एक संयंत्र स्थापित करने के लिए पिछले महीने बोली आमंत्रित की थी।

भारतीय रेलवे इस उपक्रम में 26 फीसदी की हिस्सेदार होगी जिसके लिए तकरीबन 1000 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी। मध्य प्रदेश के झांसी में अपने संयंत्र में डीजल और विद्युत इंजनों का निर्माण करने वाली बीएचईएल ने 31 मार्च को समाप्त हुए साल में 1100 करोड़ रुपये की बिक्री की जो कुल राजस्व का तकरीबन 6 फीसदी है। कंपनी की सालाना निर्माण क्षमता 5,000 से 7,000 हॉर्सपावर वाले 50 इंजनों के निर्माण की है। रवि कुमार ने कहा, ‘हमारे पास बहुत अधिक हॉर्सपावर वाले इंजन नहीं हैं और यही वजह है कि हम संयुक्त उपक्रम की संभावना तलाश रहे हैं।’

First Published - July 25, 2008 | 11:38 PM IST

संबंधित पोस्ट