कंपनियां

भारत की अर्थव्यवस्था में AI का होगा पांचवा हिस्सा, Satya Nadella ने 2025 तक ये काम करने का कर दिया ऐलान

CEO Connection in Mumbai: सत्या नाडेला ने कहा कि AI के नियमों और मानदंडों (Regulations and Norms) को लेकर भारत और अमेरिका को मिलकर काम करना चाहिए।

Published by
शार्लीन डिसूजा   
Last Updated- February 07, 2024 | 10:33 PM IST

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन एवं मुख्य कार्या​धिकारी सत्य नडेला ने भारतीय उद्योग जगत से कहा है कि एआई क्रांति से अलग-थलग न रहें, ब​ल्कि इसे अपनाएं। उन्होंने भारतीय कंपनियों के प्रमुखों से आग्रह किया कि वे अपने उपयोग के मामले सृजित करने और उसका असर देखने के लिए महज अध्ययन पर निर्भर रहने के बजाय एआई में अपना प्रयास तेज करें।

नडेला अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। उनका मानना है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) एक नई ताकतवर प्रौद्योगिकी है और इसे दुनिया दुनिया में कोने-कोने तक तेजी से फैलाने की जरूरत है ताकि सभी को आर्थिक विकास का बराबर लाभ मिल सके।

नडेला ने मौजूदा एआई क्रांति की तुलना पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के दौर से करते हुए कहा ‘मुझे लगता है कि एआई का जमाना भी पीसी के दौर जैसा ही है। पीसी ने सूचनाओं को हमारी उंगलियों पर ला दिया जबकि एआई ने विशेषज्ञता को आपकी उंगलियों तक पहुंचाया है। ‘कोपायलट’ के साथ उत्पादकता में वृद्धि से यह बात साफ तौर पर जाहिर होती है।’ उदाहरण के लिए, माइक्रोसॉफ्ट 365 के लिए कोपायलट के शुरुआती उपयोगकर्ताओं पर एक ​हालिया अनुसंधान से पता चला है कि वे खोज, लेखन एवं सारांश करने जैसे कामों में 29 फीसदी अ​धिक तेज थे।

नडेला ने हाल में माइक्रोसॉफ्ट के शीर्ष पद पर एक दशक पूरा किया है। उन्होंने भारत के शीर्ष मुख्य कार्या​धि​कारियों को संबो​धित करते एआई का असर देखने के लिए इंतजार करने के बजाय उसे अपनाने की आवश्यकता पर 35 मिनट तक बात की।

नडेला ने यह भी घोषणा की कि माइक्रोसॉफ्ट अपने एडवांटा (आई) जीई इंडिया इनिशिएटिव के जरिये 2025 तक भारत में 20 लाख लोगों को एआई कौशल के अवसर मुहैया कराएगा। नडेला ने कहा कि भारत में एआई इंजीनियरिंग प्रतिभा अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। यह पहल भारत के एआई परिवर्तन में तेजी लाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट की व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

नडेला ने कहा कि एआई देश में जीडीपी वृद्धि दर को रफ्तार देने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रौद्योगिकी की दुनिया में होने वाले चार बड़े बदलावों- पीसी, क्लाइंट सर्वर, इंटरनेट और मोबाइल एवं क्लाउड की बात आती है और जब भारत व दुनिया में एआई को अपनाने की बात आती है, तो शायद ही कोई अंतर दिखता है।

नडेला ने यह भी कहा कि एआई नियमों और मानदंडों के संबंध में भारत और अमेरिका के बीच बेहतर सहयोग की जरूरत है।

भारत में एआई को अपनाए जाने के बारे में बात करते हुए नडेला ने कहा कि इन्फोसिस, एचसीएलटेक और एलटीआईमाइंडट्री जैसी कंपनियां न केवल ग्राहकों के लिए, बल्कि प्रौद्योगिकी में आंतरिक सुधार करने के लिए भी कोपायलट का उपयोग कर रही हैं।

First Published : February 7, 2024 | 3:35 PM IST