..आखिर लक्जरी ब्रांड भी दे रहे हैं छूट

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 10:44 AM IST

भारतीय उद्योग जगत बिक्री में गिरावट के भय के साथ नकदी संकट और रोजगार असुरक्षा की स्थिति से जूझ रहा है।


इस संकट से निपटने के लिए गुच्ची, जिमी चो, बोटेगा वेनेट्टा, सल्वाटोर फेरागामो, इरमेनगिल्डो जेगना, मोशिनो और चैरियल जैसे लक्जरी ब्रांडों ने अपने ऑटमविंटर 2008 कलेक्शन पर 30 से 50 फीसदी के बीच डिस्काउंट देना शुरू कर दिया है।

इस सप्ताह के शुरू में सल्वाटोर फेरागामो ने 30 फीसदी के डिस्काउंट की पेशकश की। इरमेनगिल्डो जेगना भी परिधानों पर 30 फीसदी की छूट और बेल्ट एवं जूतों पर 40 फीसदी की छूट दे रहा है। डिस्काउंट के अलावा यह ब्रांड 100,000 रुपये से अधिक की खरीदारी करने पर 10,000 रुपये के गिफ्ट वाउचर भी दे रहा है।

फैशन एवं चमड़ा सामानों के इटली के मशहूर ब्रांड गुच्ची के बैग एवं जूतों की शुरुआती रेंज 30,000 रुपये है और सीमित कलेक्शन की कीमत 150,000 रुपये से अधिक है। यह ब्रांड भी पहली बार कुछ खास बैग एवं जूतों पर 50 फीसदी के डिस्काउंट की पेशकश कर रहा है।

इस सब को देखते हुए दिसंबर का महीना लक्जरी रिटेलरों के लिए सबसे ज्यादा अहम महीनों में से एक माना जाएगा। इस साल के सत्र के लिए अपनी बिक्री नवंबर की बजाय अक्टूबर में ही शुरू कर दी। भारत में भी पैटर्न इसी तरह का है।

भारत में वरसैक के लिए विशेष फ्रेंचाइजी ब्लूज क्लोथिंग कंपनी के कार्यकारी निदेशक अभय गुप्ता कहते हैं, ‘लक्जरी उत्पाद चाहने वाला तबका भी फिलहाल लक्जरी सामानों की खरीद से परहेज कर रहा है और इस वजह से ऐसे उत्पादों का अंबार बढ़ता जा रहा है।’

पोपली ऐंड संस के निदेशक राजीव पोपली ने कहा, ‘मंदी की वजह से प्रभावित होने वाला सबसे पहला क्षेत्र लक्जरी क्षेत्र है। हमें अपने लक्जरी सेगमेंट में 10-15 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।’

हेविट एसोसिएट्स के भारत, पश्चिम एशिया और दक्षेस देशों के लिए बिजनेस लीडर (कंसल्टिंग) संदीप चौधरी ने कहा, ‘इस साल तकरीबन 40 फीसदी कंपनियां एवं समूह बेहद संतुलित बोनस भुगतान की संभावना तलाश रहे हैं।

इसका पूरे बोर्ड पर असर पड़ेगा।’  उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ अधिकारियों में से लगभग 35-50 फीसदी का वेतन अस्थायी है और यह इस साल 20-25 फीसदी तक प्रभावित होगा।’

भारत में गुच्ची, जिमी चो, बोलटेगा वेनेट्टा जैसे ब्रांड पेश कर चुके मुरजानी गु्रप के चेयरमैन मोहन मुरजानी कहते हैं, ‘कारोबार काफी मंद है क्योंकि ग्राहकों की आवक और खर्च में कमी आई है। इस मात्रा को बढ़ाने के लिए हमने इस सत्र में अपनी बिक्री जनवरी के बजाय दिसंबर में ही शुरू कर दी है।’

First Published : December 22, 2008 | 10:52 PM IST