आदित्य बिड़ला समूह (Aditya Birla Group) भी ब्रांडेड आभूषण कारोबार में उतर रहा है। इसके लिए उसने 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है।
गहनों के बाजार में वह टाइटन के तनिष्क और रिलायंस ज्वैल्स जैसी कंपनियों को टक्कर देगा। बाजार में अहम हिस्सेदारी हासिल करने के लिए कंपनी छोटे-छोटे ब्रांडों से भी होड़ करेगी।
कंपनी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि वह नई कंपनी नोवल ज्वैल के जरिये गहनों का कारोबार करेगी। उसके सभी आभूषण ब्रांड इसी कंपनी के पास रहेंगे और देश भर में इसके बड़े फॉर्मैट वाले एक्सक्लूसिव स्टोर खोलेगी।
कंपनी ने कहा, ‘नई कंपनी अनूठे डिजाइन और क्षेत्रीय पहचान वाले आभूषणों का ऐसा राष्ट्रीय ब्रांड गढ़कर ग्राहकों का अनुभव बिल्कुल बदलने की कोशिश करेगी, जिस ब्रांड के गहने खरीदने की हसरत हर किसी को हो। पिछले दो साल में पेंट और भवन निर्माण सामग्री के लिए बी2बी ई-कॉमर्स शुरू करने के बाद कंपनी का यह तीसरा नया कारोबार होगा।’
समूह का ब्रांडेड आभूषण कारोबार इस क्षेत्र और रिटेल का गहरा तजुर्बा रखने वाली नई-नवेली लीडरशिप टीम संभालेगी।
जीडीपी में रत्न एवं आभूषण बाजार का योगदान करीब 7 फीसदी
देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रत्न एवं आभूषण बाजार का योगदान करीब 7 फीसदी है। देश में आभूषण का बाजार 2025 तक बढ़कर 90 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
समूह ने कहा, ‘तेज वृद्धि की बीच बाजार असंगठित से संगठित होता जा रहा है। सही समय पर समूह के दाखिल होने से बाजार और बेहतर होगा तथा भारतीय उपभोक्ताओं को सफाई से गढ़े गए और बारीकी से डिजाइन किए गए ढेरों जेवरात मिलेंगे।’
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, ‘नए बाजार में दस्तक देकर अहम पोर्टफोलियो चुना गया है, जिससे हमें वृद्धि के नए मौके लपकने और भारतीय उपभोक्ताओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाने में मदद मिलेगी। नए उद्यम को लाइफस्टाइल रिटेल में आदित्य बिड़ला समूह की विशेषज्ञता और ग्राहकों के बारे में उसकी गहरी समझ का फायदा मिलेगा।’