Adani Wilmar: अदाणी ग्रुप (Adani Group) की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Eneterprises) ने अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) में अपनी पूरी शेयरहोल्डिंग बेचने का फैसला किया है। कंपनी ने अदाणी विल्मर में अपनी 44% हिस्सेदारी बेचने के लिए डील फाइनल कर दी है। कंपनी की तरफ से सोमवार (30 दिसंबर) को जारी बयान के अनुसार, डील को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। इस समझौते से अदाणी ग्रुप को करीब 2.2 अरब डॉलर यानी करीब 18,817 करोड़ रुपये मिलेंगे।
हिस्सेदारी बेचने की खबर के बाद अदाणी के शेयरों में मंगलवार (31 दिसंबर) को बड़ी गिरावट देखी जा रही है। बीएसई पर अदाणी विल्मर का शेयर मंगलवार (31 दिसंबर) को 23.60 रुपये या 7.16% गिरकर 305.90 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा था। फिलहाल कंपनी में अदाणी ग्रुप और विल्मर इंटरनैशनल की 43.94 फीसदी हिस्सेदारी है।
अदाणी विल्मर FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी है। अदानी विल्मर…अदानी एंटरप्राइजेज और विल्मर इंटरनेशनल के बीच एक जॉइंट वेंचर हैं और इसे साल 1999 में शुरू किया गया था। अदाणी विल्मर एडिबल ऑइल, पैक्ड गेहूं का आटा, दालें, बेसन और चीनी जैसे रसोई में इस्तेमाल होने पैक्ड फूड प्रॉडक्स्ट बेचती हैं। फार्च्यून, कोहिनूर और किंग्स कंपनी के कुछ प्रमुख ब्रांड नाम हैं।
कंपनी की एनुअल रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, फॉर्च्यून ब्रांड की सालाना बिक्री 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की है जबकि कोहिनूर की एनुअल सेल्स 350 करोड़ रुपये से अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक़, कंपनी की देशभर 23 फैक्टरियां है जबकि 38 मेन्युफेक्चरिंग प्लांट्स लीज पर है। इसके अलावा एफएमसीजी फर्म के देशभर में 21 लाख रिटेल आउटलेट है। कंपनी देश में रेवेन्यू के लिहाज से 10 सबसे बड़ी फूड एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हैं।
अदाणी विल्मर मंडी, किसानों और आयात के जरिये कच्चा माल जुटाती है। कंपनी का मुख्य बाजार शहरी और ग्रामीण कंज्यूमर है जबकि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिये भी अपने प्रॉडक्स्ट बेचती हैं। इसके अलावा कंपनी एक्सपोर्ट, रिटेल स्टोर्स और इंडस्ट्री समेत सीधे रेस्ट्रॉरेंट्स को भी अपना माल बेचती हैं। कंपनी मेन्युफेक्चरिंग से लेकर वेयरहाउसिंग और सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन भी खुद संभालती है जिससे उसे अपने प्रोडक्ट्स की कीमत कम रखने में मदद मिलती है।
अदाणी विल्मर रसोई में इस्तेमाल की जाने वाली पांच जरुरी प्रोडक्ट्स बनाने के साथ तीन अलग-अलग सेगमेंट के सामान बेचती है। इनमें एडिबल ऑइल, गेहूं का आटा, चावल, दालें और बेसन और चीनी शामिल हैं। एडिबल ऑइल में कंपनी सोयाबीन तेल से लेकर सूरजमुखी तेल तक सभी प्रमुख एडिबल ऑइल की पेशकश करती है। इसके अलावा कंपनी गेहूं का आटा, चावल, चीनी, दालें और बेसन भी बेचती हैं। कंपनी के ग्राहकों की लिस्ट में न केवल डॉमेस्टिक कंज्यूमर्स बल्कि होटल/रेस्ट्रोरेंट, इंडस्ट्रीज और एक्सपोर्ट भी शामिल हैं।
अदाणी एंटरप्राइजेज ने अपने एनर्जी एवं यूटिलिटी, परिवहन एवं लॉजिस्टिक और अन्य प्राथमिक उद्योग के प्रमुख बुनियादी ढांचा प्लेटफार्मों में निवेश को रफ्तार देने के लिए अदाणी विल्मर से अपनी हिस्सेदारी बाहर निकालने का फैसले किया है। अदाणी एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने इस समझौते को ध्यान में रखते हुए अदाणी विल्मर के बोर्ड से अदाणी कमोडिटीज के नामित निदेशकों के इस्तीफे के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। दोनों पक्षों ने अदाणी विल्मर का नाम बदलने के लिए भी सहमति जताई है।
बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रोमोटर शेयरहोल्डिंग जानकारी के मुताबिक, अदाणी विल्मर में अदाणी कमोडिटीज (ADANI COMMODITIES LLP) और लेंसी पीटीई लिमिटेड (LENCE PTE. LTD) की 43.94% हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियों की अदाणी विल्मर में कुल मिलाकर 87.87 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि पब्लिक शेयरहोल्डिंग 12.13% है।
इस खबर के बाद अदाणी विल्मर के शेयरों में बड़ी हलचल देखी जा रही है। बीएसई पर अदाणी विल्मर के शेयर मंगलवार (31 दिसंबर) को इंट्राडे ट्रेड में 8% तक लुढ़क गया। पिछले एक महीने में स्टॉक 1.99% गिर चुका है जबकि पिछले एक साल में शेयर में 13.38% की गिरावट आई है। शेयर का 52 वीक हाई 408.70 रुपये और लो 279.20 रुपये है। कंपनी का मार्किट कैप 39,926.13 करोड़ रुपये है।
अदाणी विल्मर को FY25 की जुलाई-सितम्बर तिमाही में 311.02 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी को 130.73 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। 30 सितम्बर, 2024 को समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 17.87% बढ़कर 14,460.45 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में अदाणी विल्मर का कुल कारोबार 51,262 करोड़ रुपये रहा। एडिबल ऑइल सेगमेंट में उसकी सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी रही। कंपनी का प्रमुख ब्रांड फॉर्च्यून की सालाना बिक्री 20,000 करोड़ रुपये से अधिक है।