facebookmetapixel
Viasat देगी सैटेलाइट कम्युनिकेशन को नया आकार! भारत में स्टार्टअप के साथ मिनी जियोसैटेलाइट बनाने के लिए कर रही बातचीतथर्ड पार्टी दवा उत्पादन को मिलेगा दम, नए बाजारों में विस्तार को बढ़ावा मिलने की उम्मीदBS Poll: रीपो रेट में बदलाव के आसार नहीं, महंगाई पर दिखेगा जीएसटी कटौती का असर!HAL: तेजस एमके-1ए और बढ़ते ऑर्डर बुक के साथ 20% रेवेन्यू ग्रोथ और मार्जिन में सुधार की उम्मीदगायतोंडे की 1970 की पेंटिंग 67.08 करोड़ रुपये में बिकी, भारतीय कला की नई कीर्तिमान कायमPM मोदी बोले: RSS की असली ताकत त्याग, सेवा और अनुशासन में निहित, 100 वर्ष की यात्रा प्रेरणादायकलगातार कमजोर प्रदर्शन का कारण बताना मुश्किल, शेयर विशेष रणनीति पर जोर: सायन मुखर्जीUNGA में बोले जयशंकर: भारत अपने विकल्प चुनने को स्वतंत्र, ग्लोबल साउथ की आवाज बनाए रखेगाKarur Stampede: 40 की मौत, 60 घायल, PM मोदी ने 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का किया ऐलानसेंसेक्स, निफ्टी अभी पिछले साल के ऑलटाइम हाई से पीछे, भारतीय शेयर बाजार में अवसर

Hindenburg मामले में क्लीनचीट मिलने के बाद अदाणी का सवाल! $150 अरब के नुकसान का जिम्मेदार कौन?

सेबी ने पिछले सप्ताह अदाणी ग्रुप को क्लीन चिट दी, और उस समय लागू कानूनों के तहत संबंधित पक्ष से जुड़े उल्लंघनों को खारिज कर दिया।

Last Updated- September 21, 2025 | 5:51 PM IST
adani hindenburg

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से क्लीन चीट हासिल करने के बाद, अब अदाणी ग्रुप अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के खिलाफ जवाबदेही की मांग कर रहा है। कंपनी से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, अमेरिकी फर्म के आरोपों के चलते 2023 में ग्रुप के शेयरहोल्डर्स की संपत्ति लगभग 150 अरब डॉलर तक घट गई थी।

हिंडनबर्ग को कौन जिम्मेदार ठहराएगा?

अदाणी ग्रुप के एक करीबी व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “सेबी के आदेश के बाद, असली सवाल यह है कि लाखों निवेशकों को हुए नुकसान के लिए हिंडनबर्ग को कौन जिम्मेदार ठहराएगा।”

सेबी ने पिछले सप्ताह अदाणी ग्रुप को क्लीन चिट दी, और उस समय लागू कानूनों के तहत संबंधित पक्ष से जुड़े उल्लंघनों को खारिज कर दिया। सेबी के अंतिम आदेशों के अनुसार, हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट में चिन्हित संदिग्ध लोन को व्यावसायिक स्वरूप का माना गया और उन्हें ब्याज सहित चुकता कर दिया गया।

ग्रुप ने आरोपों से इनकार किया था, जबकि प्रमोटरों ने रिपोर्ट के तुरंत बाद ग्रुप की कंपनियों में अपने शेयर बेचे और शेयर बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए लोन चुकता किया।

Also Read: IT शेयरों पर H-1B वीजा का असर, 3–5% तक गिरावट का अनुमान; खरीदें, बेंचे या होल्ड करें?

हिंडनबर्ग ने कमाया फायदा

सूत्र ने आगे कहा शॉर्ट-सेलर ने इस उथल-पुथल से लाभ कमाया, रिटेल निवेशकों को इसका भारी खर्च उठाना पड़ा। ग्रुप का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन अब तक उस उच्चतम स्तर पर लौट नहीं पाया है, जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने से पहले था।

हिंडनबर्ग ने 2025 में अपनी गतिविधियां बंद कर दीं, जिससे अदाणी समूह के अनुसार जवाबदेही का एक खालीपन बन गया।

सेबी ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस

इस साल जुलाई में, सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च, अमेरिकी हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन और चार अन्य व्यक्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए, उन पर अदाणी ग्रुप के खिलाफ शॉर्ट पोजिशन बनाने के लिए गैर-सार्वजनिक जानकारी का उपयोग करने में मिलीभगत का आरोप लगाया गया।

नोटिस के अनुसार, किंगडन ने मॉरीशस स्थित फंड के माध्यम से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले शॉर्ट पोजिशन लिए। नोटिस में कहा गया कि रिपोर्ट ने पाठकों को “भ्रमित” किया और अदाणी ग्रुप के शेयरों में “दहशत” फैलाई, “कीमतों को अधिकतम सीमा तक गिराया और इससे लाभ कमाया।”

Also Read: Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार पर H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी, GST राहत और ट्रेड वार्ता का दिखेगा असर

150 अरब डॉलर का हुआ नुकसान

जनवरी 2023 में, अदाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का मूल्य लगभग 150 अरब डॉलर घट गया, विदेशी निवेशकों ने पैसे निकाले और सेबी खुद नियामकीय विफलता के आरोपों का सामना करने लगी। जांच में सुप्रीम कोर्ट ने निगरानी की, और नंदन नीलेकणि और के वी कामथ जैसे विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक एक्सपर्ट पैनल का गठन किया। बाद में कोर्ट ने सेबी के अधिकार क्षेत्र को मजबूत किया, जिससे नियामक की स्वतंत्रता और बढ़ी।

गुरुवार को सेबी के आदेश के बाद बाजारों ने तेजी से प्रतिक्रिया दी। अदाणी ग्रुप के शेयर शुक्रवार को अच्छे उछाल के साथ बढ़े, क्योंकि निवेशकों की अनिश्चितता खत्म हो गई। मोर्गन स्टेनली ने शुक्रवार को पिछले दस साल में पहली बार अदाणी पावर की कवरेज शुरू की।

First Published - September 21, 2025 | 5:51 PM IST

संबंधित पोस्ट