कंपनियां

मुश्किल में अदाणी! रिश्वत केस सुलझाने की कोशिश ठप, आखिर क्यों आई ऐसी नौबत

अमेरिकी अदालत में चल रहे 250 मिलियन डॉलर के घूसकांड केस पर बातचीत रुकी, निवेश योजनाओं और ग्लोबल डील्स पर असर।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- September 11, 2025 | 3:03 PM IST

भारतीय अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिका में चल रहे धोखाधड़ी और घूसखोरी से जुड़े मामले को सुलझाने की कोशिशें फिलहाल अटक गई हैं। इस वजह से अदाणी ग्रुप की वैश्विक विस्तार योजनाओं पर लगातार संकट बना हुआ है।

Gautam Adani के खिलाफ 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत का आरोप

अमेरिका के न्याय विभाग ने नवंबर 2024 में अदाणी और कुछ अन्य लोगों पर लगभग 250 मिलियन डॉलर यानी 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत देने का आरोप लगाया था। कहा गया कि इस रकम का इस्तेमाल भारत में सोलर पावर प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए किया गया। हालांकि, अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। इसी के साथ अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी एक अलग केस दायर किया है। SEC अभी तक अदाणी को नोटिस भेजने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए भारत से मदद मांगी गई है।

अमेरिका-भारत तनाव की वजह से बातचीत रुकी

शुरुआत में अदाणी के वकील और अमेरिकी अधिकारियों के बीच इस मामले को निपटाने की बातचीत चल रही थी। लेकिन हाल के महीनों में यह रुक गई है। वजह है अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते मतभेद। दोनों देशों के बीच ट्रेड, रूस से तेल आयात और पाकिस्तान को लेकर तनाव बढ़ा है। यहां तक कि अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सामान पर 50% टैरिफ भी लगाया था। हालांकि हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को “महान नेता और दोस्त” कहकर रिश्तों को बेहतर करने का संकेत दिया है।

कारोबार पर असर

इन मुकदमों का असर सीधे अदाणी ग्रुप के कारोबार पर पड़ा है। अमेरिका में 10 अरब डॉलर के निवेश की योजना रोक दी गई है। फ्रांस की कंपनी टोटल एनर्जीज ने कहा है कि जब तक मामला साफ नहीं होता, वह अदाणी ग्रुप में कोई नई फंडिंग नहीं करेगी। इसके अलावा केन्या में 2.6 अरब डॉलर का एयरपोर्ट और पावर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट भी अदाणी ग्रुप खो चुका है। अदाणी खुद अमेरिका यात्रा भी नहीं कर सकते क्योंकि गिरफ्तारी का खतरा है।

भारत में वापसी की कोशिश, पर विदेशी डील अटकी

हालांकि अदाणी ग्रुप ने भारत में फंड जुटाकर और बड़े सौदों पर बोली लगाकर वापसी की कोशिश की है, लेकिन अमेरिकी जांच की वजह से विदेशी बैंकों से कर्ज लेना और नई अंतरराष्ट्रीय डील करना मुश्किल हो गया है। यह मुकदमा कंपनी के लिए लगातार एक “रेग्युलेटरी ओवरहैंग” बना हुआ है।

अंबानी पर भी असर

यह दबाव सिर्फ अदाणी तक सीमित नहीं है। भारत के दूसरे सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी भी अमेरिकी राजनीति के असर में आ गए हैं। ट्रंप प्रशासन ने आरोप लगाया कि भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ता तेल खरीदकर “वॉर प्रॉफिटियरिंग” कर रहे हैं। इसी वजह से अंबानी परिवार ने न्यूयॉर्क में होने वाला एक बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)

First Published : September 11, 2025 | 2:48 PM IST