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Adani Group की बड़ी तैयारी! 2026 के लिए बनाया महाप्लान, ₹1.1 लाख करोड़ का निवेश, जानें पूरी रणनीति

वित्त वर्ष 2025 में समूह दीर्घ अवधि के लिए उधार ली जाने वाली रकम पर ब्याज आदि में औसत खर्च 10.4 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत करने में सफल रहा है।

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देव चटर्जी   
Last Updated- March 16, 2025 | 10:22 PM IST

देश के शीर्ष उद्योग समूहों में शामिल अदाणी समूह ने वित्त वर्ष 2026 में पूंजीगत व्यय के मद में 1.1 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्य रखा है। समूह मुख्य रूप से अपने प्रमुख ऊर्जा एवं बुनियादी ढांचा कारोबारों में यह रकम लगाएगी। चालू वित्त वर्ष में समूह ने पूंजीगत व्यय पर लगभग 92,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। समूह के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अगले वित्त वर्ष में होने वाले कुल पूंजीगत व्यय में 60,000 करोड़ रुपये का इंतजाम आंतरिक स्रोतों से किया जाएगा और शेष रकम शेयर एवं बॉन्ड जारी कर  जुटाई जाएगी।

वित्त वर्ष 2025 में समूह दीर्घ अवधि के लिए उधार ली जाने वाली रकम पर ब्याज आदि में औसत खर्च 10.4 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत करने में सफल रहा है। इससे समूह को सालाना 4,000 करोड़ रुपये बचत हुई है। समूह को उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों के दौरान उसे लागत इसी तरह कम रखने में कोई परेशानी पेश नहीं आएगी और नई उधारी पर पूंजी लागत 75 से 100 आधार अंक कम रह सकती है।

वित्त वर्ष 2025 तक समूह की सकल उधारी 2.4 लाख करोड़ रुपये रही जबकि शुद्ध कर्ज 1.85 लाख करोड़ रुपये रहा। समूह नए ऋण लेकर सालाना 40,000 करोड़ रुपये के पुराने कर्ज निपटाती है जिससे उसे ब्याज पर औसतन 1.72 प्रतिशत की बचत होती है। समूह ने विदेशी निवेशकों के समक्ष अपनी इन योजनाओं की रूप-रेखा पेश की। समूह के अधिकारियों ने कहा कि अगले दो दशकों तक यह बचत होती रहेगी।

वित्त वर्ष 2025 में समूह ने अदाणी विल्मर और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस सहित विभिन्न कंपनियों में हिस्सेदारी बेच कर 2 अरब डॉलर जुटाए थे। इस रकम का इस्तेमाल मौजूदा ऋण चुकाने और पूंजीगत व्यय के लिए रकम का इंतजाम करने में हुआ था। अधिकारी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान समूह का बाजार पूंजीकरण 53 प्रतिशत बढ़ा है जबकि करोपरांत मुनाफा (पीएटी) 49 प्रतिशत अधिक रहा है। समूह बाजार मूल्यांकन में बढ़ोतरी का ज्यादातर श्रेय करोपरांत मुनाफे में इजाफे को दे रहा है। इससे यह भी संकेत मिल रहा है कि समूह की दोबारा रेटिंग में पूंजी पर घटी लागत, स्थिरता एवं नकदी पूरी तरह परिलक्षित नहीं हुई है। समूह के अधिकारियों के अनुसार पिछले 20 वर्षों के दौरान समूह का बाजार पूंजीकरण 32 प्रतिशत बढ़ा है जिससे यह अपनी प्रतिस्पर्द्धी कंपनियों की तुलना में दीर्घकालिक निवेश के लिए अधिक मजबूत विकल्प बन गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की तरफ से जवाबी शुल्क की धमकी पर अधिकारी ने कहा कि समूह पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उसका ज्यादातर कारोबार भारत में ही होता है। समूह की सहायक इकाइयों में अदाणी पोर्ट्स ऐंड सेज घरेलू कारोबार के विस्तार के लिए वित्त वर्ष 2025 से 2029 तक पूंजीगत व्यय के मद में 80,000 करोड़ रुपये निवेश करना चाहती है। इनमें 45,000 करोड़ रुपये देसी बंदरगाहों के विस्तार और 20,000-25,000 करोड़ रुपये लॉजिस्टिक पर खर्च किए जाएंगे।

अदाणी पोर्ट्स ऐंड सेज अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह कारोबार में विस्तार की संभावनाएं भी तलाश रही है। समूह ने 2030 तक घरेलू बंदरगाहों से 80-85 करोड़ टन माल आवाजाही का लक्ष्य रखा है। समूह का नवी मुंबई में नया हवाई अड्डा अगली तिमाही तक शुरू हो जाएगा जो इसका आठवां हवाई अड्डा होगा।

First Published : March 16, 2025 | 10:22 PM IST