आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू
विशाखापत्तनम को सूचना प्रौद्योगिकी हब के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने बुधवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को शहर में 21.16 एकड़ जमीन मात्र 99 पैसे के सांकेतिक मूल्य पर आवंटित करने को मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार टीसीएस यहां 1,370 करोड़ रुपये के निवेश से एक डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करेगी, जिससे 12,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।
एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा इस तरह सांकेतिक मूल्य पर भूमि आवंटित करने की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की जा रही है। उन्होंने भी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में साणंद में टाटा मोटर्स को 99 पैसे पर जमीन दी थी, जिसके दम पर उस समय राज्य में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का विकास हुआ। साथ ही मोदी की छवि एक उद्योग-समर्थक नेता के रूप में भी बनी।
सूत्रों का कहना है कि सरकार और कंपनी के बीच इस सौदे पर चर्चा अक्टूबर 2024 में उस समय शुरू हुई थी जब आईटी मंत्री नारा लोकेश ने टाटा हाउस का दौरा किया था। उन्होंने टीसीएस से आंध्र प्रदेश में विशाल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने का अनुरोध किया था। एक सरकारी सूत्र ने बताया, ‘इस मुलाकात के बाद राज्य सरकार और टीसीएस के बीच लगातार चर्चा का दौर चला और लोकेश ने आगे बढ़कर विशाखापत्तनम में कंपनी को 99 पैसे के कुल भुगतान पर 21.16 एकड़ जमीन आवंटित करने का फैसला लिया। उनके इस फैसले का उद्देश्य उद्योग जगत को यह संदेश देना भी है कि आंध्र प्रदेश आईटी निवेश आकर्षित करने के प्रति बेहद गंभीर है।’
पिछले साल राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एसआईपीबी) 57 कंपनियों द्वारा 4.71 लाख करोड़ रुपये के निवेश को पहले ही मंजूरी दे चुका है। इससे यहां 4.17 लाख नौकरियां पैदा होंगी। आंध्र सरकार का लक्ष्य 2029 तक 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश और इससे लगभग 20 लाख नौकरियां पैदा करना है। विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब तक 8 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं।
नए निवेश प्रस्तावों का सबसे बड़ा हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र झटकने की कोशिशों में है, जिसने अक्टूबर 2024 में शुरू की गई इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी पॉलिसी के कारण 8 महीनों के दौरान घरेलू एवं विदेशी कंपनियों से लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल कर लिया है। प्रमुख निवेशकों में टाटा पावर (49,000 करोड़ रुपये), एनटीपीसी ग्रीन (2.08 लाख करोड़ रुपये), वेदांत की सेरेंटिका (50,000 करोड़ रुपये), एसएईएल इंडस्ट्रीज (6,000 करोड़ रुपये) और ब्रुकफील्ड (50,000 करोड़ रुपये) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, रिन्यू पावर भी आंध्र प्रदेश में बहुत बड़ा निवेश करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की योजनाओं के मुताबिक सरकार साल 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन संसाधनों से 500 गीगावॉट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसमें 86 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता इकाइयां दक्षिण भारत में हैं जिसमें से लगभग 51 गीगावॉट आंध्र प्रदेश के अनंतपुर (20 गीगावॉट), कुरनूल (23 गीगावॉट) और कडप्पा (8 गीगावॉट) में है।