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सप्लाई कमजोर होने के कारण फिर महंगा होने लगा गेहूं

Last Updated- January 31, 2023 | 6:03 PM IST
Wheat prices at 9 month high, demand of flour mills from government to release stock intensifies गेहूं के दाम 9 महीने के हाई पर, आटा मिलों की सरकार से स्टॉक जारी करने की मांग तेज

केंद्र सरकार द्वारा पिछले सप्ताह खुले बाजार में गेहूं बेचने के निर्णय से इसकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन इस सप्ताह गेहूं के दाम फिर से चढ गए क्योंकि मांग के हिसाब से गेहूं की आपूर्ति कमजोर है।

कारोबारियों के मुताबिक जब तक खुले बाजार में बिक्री के लिए गेहूं बडी मात्रा में नहीं उतारा जाता, तब तक गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट संभव नहीं लग रही है।

इस सप्ताह चढ़े गेहूं के दाम, पिछले सप्ताह आई थी गिरावट

केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय पूल से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में उतारने का फैसला किया था। जिसके बाद पिछले सप्ताह गेहूं के दाम गिर गए थे।

उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी के गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल कहते हैं कि खुले बाजार में गेहूं बेचने के सरकारी फैसले के बाद पिछले सप्ताह इसके दाम 400 रुपये घटकर 2,550 रुपये प्रति क्विंटल तक चले गए थे। लेकिन इस सप्ताह के दो दिनों में ही हरदोई मंडी में गेहूं की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। मंडी में गेहूं अब 2,750 रुपये क्विंटल बिक रहा है।

अग्रवाल कहते हैं कि हरदोई के लिए एफसीआई ने 5,000 क्विंटल गेहूं ही बिक्री के लिए दिया है, जो 3—4 मिलों के 24 घंटे चलने लायक ही है। जबकि हरदोई में 25 आटा मिलें हैं। मंडी में भी आवक कम हो रही है। मांग के मुकाबले गेहूं की उपलब्धता कम होने से गेहूं की कीमतों में गिरावट ज्यादा नहीं टिक पाई और भाव फिर से चढ गए।

दिल्ली के गेहूं कारोबारी महेंद्र जैन ने कहा कि गेहूं काफी महंगा हो गया था। ऐसे में खुले बाजार में बिक्री के फैसले से गिरावट का तात्कालिक माहौल बनने से मंडी में गेहूं के दाम 3,200 रुपये से घटकर 2,700 रुपये प्रति क्विंटल तक चले गए थे। गेहूं की कीमतों में गिरावट दो—तीन दिन ही टिकी और इस सप्ताह दाम 150 रुपये क्विंटल चढ गए। दिल्ली में गेहूं का टेंडर बुधवार को निकलने वाला है।

ओरिगो कमोडिटीज में सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल ने बताया कि खुले बाजार में गेहूं की बिक्री के फैसले के तात्कालिक असर से इसकी कीमतों में गिरावट आई थी। लेकिन सरकार द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से 25 लाख टन गेहूं बेचने की घोषणा बाजार में मांग की तुलना काफी कम है। इसलिए फिर से गेहूं के दाम बढ़ने लगे हैं। गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट तभी टिकाऊ रह सकती है, जब सरकार बडी मात्रा गेहूं खुले बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराए।

गेहूं के खुदरा मूल्य में बदलाव नहीं

इस सप्ताह आई तेजी के बाद भी गेहूं के थोक भाव खुले बाजार में बिक्री के फैसले से पहले के भाव से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक कम चल रहे हैं। थोक भाव घटने के बावजूद खुदरा कीमतों में खास बदलाव नहीं आया है। खुले बाजार में गेहूं बेचने के फैसले की तारीख 25 जनवरी को देश भर में गेहूं की औसत खुदरा कीमत 33.43 रुपये प्रति किलो थी, जो 30 जनवरी को 33.47 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई।

खुदरा कीमतों में बदलाव न होना दर्शाता है कि खुले बाजार में बिक्री के फैसले के बाद भी फिलहाल बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। इस दौरान देश भर में आटे की औसत कीमत करीब 38 रुपये किलो के भाव पर स्थिर बनी हुई है।

First Published - January 31, 2023 | 5:49 PM IST

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