facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

दाल बाजार में छाई मंदी, व्यापारी हुए परेशान

Last Updated- December 05, 2022 | 11:02 PM IST

दाल का बाजार इन दिनों मंदा है। थोक व्यापारियों के मुताबिक सरकारी दबाव के कारण दाल की बिक्री घाटे के साथ करनी पड़ रही है।


स्टॉक को निकालने के कारण दाल की कीमत में इन दिनों 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आ गयी है। बिकवाली के लिए दबाव के कारण अनाज व्यापारियों ने दिल्ली का अनाज स्टॉक खत्म कर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।


उनका आरोप है कि सरकार उन्हें कम कीमत पर अनाज बेचने को मजबूर कर रही है। इन कारोबारियों ने अपनी परेशानियों को लेकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से भी मुलाकात की है। सरकारी छापे के खिलाफ अपनी रणनीति तैयार करने के लिए मंगलवार को शाम अनाज कारोबारियों की बैठक भी होने वाली है। उधर सरकार का कहना है कि छापे की कार्रवाई कीमत पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की जा रही है।


दिल्ली के ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन के प्रधान ओम प्रकाश जैन ने बताया कि दिल्ली में रोजाना 1.25 लाख क्विंटल अनाज की खपत है। लेकिन सरकार इस खपत की सिर्फ 4 फीसदी की पूर्ति करती है। ऐसे में दिल्ली के कारोबारी मांग के हिसाब से अपने स्टॉक को रखते हैं। लेकिन सरकार इन दिनों विभिन्न जगहों पर छापे की कार्रवाई कर रही है।


सरकारी छापे के कारण दाल के व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है। चना दाल की कीमत 100 रुपये की गिरावट के साथ 2875-3100 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है। मूंग छिलका व मूंग धोया में प्रति क्विंटल 200 रुपये तक की गिरावट आ गयी है। मूंग छिलका दाल मंगलवार को प्रति क्विंटल 2600-2875 रुपये की दर से बिक रही थी वहीं मूंग धोया 2900-3425 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है।


उड़द दाल भी गिरावट के साथ 2875-3325 रुपये प्रति क्विंटल पर नजर आ रही है।ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के मुताबिक गेहूं में भी मंदी चल रही है। गेहूं की कीमत बाजार में 1080-1100 रुपये प्रति क्विंटल बतायी जा रही है। अनाज आढ़तियों का कहना है कि सरकार 1000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद  रही है। लेकिन थोक मंडी में इसकी बिक्री मात्र 1080 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रही है।


थोक कारोबारियों के मुताबिक सिर्फ चावल का बाजार इन दिनों तेज है। उनके मुताबिक यह तेजी निर्यात सीमा में बढ़ोतरी के कारण आयी है। गैर बासमती चावल की कीमत मंगलवार को 1275-1600 रुपये प्रति क्विंटल थी तो बासमती चावल की कीमत 6450-6950 रुपये प्रति क्विंटल बतायी जा रही है।

First Published - April 23, 2008 | 12:12 AM IST

संबंधित पोस्ट