ट्रक हड़ताल के चलते दिल्ली में अनाज की आवक 30 फीसदी तक कम हो गई है। इसे देखते हुए अनाज के आढ़तिए सतर्क हो गए हैं।
हड़ताल गहराने पर खूब मुनाफा कमाने की संभावना देखते हुए उन्होंने दाल, चावल और चने का स्टॉक बनाना शुरू कर दिया है। नरेला मंडी में दाल, चने और चावल के आढ़तिया रवि ने बताया कि अनाज की ज्यादातर आवक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश से होती है।
लेकिन पिछले 5 दिन में इन राज्यों से माल लेकर आने वाले ट्रकों की संख्या 40 फीसदी तक घट गई है। दिल्ली में एपीएमसी के अधीन अनाज खरीद संघ के महेंद्र त्यागी के मुताबिक, आपूर्ति बाधित होने के बावजूद हमने अनाज की कीमत अभी तक नहीं बढ़ायी है।
लेकिन हड़ताल के एक-दो दिन और खिंचने पर कीमतों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो जाएगी। एक अन्य आढ़तिया ने कहा कि कल-परसों तक कीमत में 10 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। उधर खोये और घी की आपूर्ति में अब तक किसी तरह की कोई गिरावट नहीं हुई है।
कश्मीरी गेट स्थित दिल्ली खोया और घी संघ के अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि दिल्ली में खोये की आपूर्ति मुख्य तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, खुर्जा, टुंडला और बुलंदशहर से होती है। इन शहरों से रोजाना 40-50 छोटे ट्रक और तिपहिया वाहन दिल्ली में खोया और घी लेकर आते हैं।
चूंकि ज्यादातर कारोबारियों के पास खुद की गाड़ी है, इसलिए खोया और घी कारोबार पर अब तक इसका असर नहीं पड़ा है। जिन कारोबारियों को हड़ताल से दिक्कत हो रही है, वे छोटी गाड़ियों के जरिए इसकी आपूर्ति कर ले रहे हैं।
कारोबारियों का मानना है कि हालात चाहे जो भी हो हड़ताल की मार का असर सीधे तौर पर आम आदमी को ही झेलना होगा। सरकार ने भी ट्रक हड़तालियों की गिरफ्तारी के साथ हड़ताल को रौदंने की पूरी तैयारी कर ली है।
अगर सरकार एक-दो दिन में ट्रक हड़तालियों से साझा करने में सफल नहीं हो पाती है तो जमाखोरी के तौर पर एक नई समस्या सरकार के लिए मुंह फाड़े खड़ी मिलेगी।