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यूपी की गल्ला मंडियों में सन्नाटा है पसरा

Last Updated- December 06, 2022 | 11:05 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार के अनाज व खाद्य तेलों की स्टॉक सीमा तय करते ही थोक गल्ला मंडियों में सन्नाटा पसर गया है।


स्टॉक सीमा तय करते ही फुटकर व्यापारियों की खरीद घटकर आधे से भी कम हो गयी है और व्यापार मंडल के पदाधिकारी सरकारी आदेश के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।  जाहिर है लगभग सभी फुटकर व्यापारियों के पास सरकार की तय सीमा से ज्यादा स्टॉक मौजूद है और वे नई खरीद से बच रहे हैं।


स्टॉक सीमा का विरोध कर रहे व्यापारियों का कहना है कि अकेले राजधानी में हर रोज 1800 क्विंटल चावल, 3000 क्विंटल आटा और 500 क्विंटल के लगभग खाद्य तेल की खपत होती थी, जो घटकर आधी से भी कम हो गई है। राजधानी की सबसे बड़ी पांडेगंज गल्ला मंडी से फुटकर व्यापारी नदारद हैं। बीते दो दिनों से कारोबार में आई गिरावट से फूटा रोष मंगलवार को लखनऊ की सड़कों पर दिखा।


उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्तिनिधि मंडल ने विधानसभा के सामने धरना देकर सरकार अनाज और खाद्य तेलों पर स्टॉक सीमा खत्म करने की मांग की। संगठन के प्रवक्ता चंद्र कुमार छाबड़ा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि स्टॉक सीमा खत्म होने तक व्यापारियों का आंदोलन जारी रहेगा। सरकार इस कानून की आड़ में छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न करेगी जबकि बड़े रिटेल स्टोर चला रहे लोगों पर उसका कोई अंकुश नही है।


छाबड़ा ने कहा कि व्यापार मंडल के पदाधिकारियों नें खाद्य मंत्री राम प्रसाद चौधरी से मुलाकात कर स्टॉकसीमा समाप्त करने या स्टॉक सही करने के लिए समय मांगा है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह कैबिनेट से प्स्ताव पारित कर अनाज और खाद्य तेलों पर स्टॉक की सीमा निर्धारित कर दी है।

First Published - May 13, 2008 | 11:35 PM IST

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