असम चाय उद्योग, जो वर्ष 1999 से मंदी के दौर से गुजर रहा है, में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
अगर असम चाय के उत्पादन के आंकड़े और मूल्य उगाही सही रहे तो ऐसा लगता है कि उद्योग के दिन फिरने वाले हैं। इस साल अप्रैल महीने तक 56,960 किलो अधिक चाय का उत्पादन हुआ है।
चाय उद्योग ने इस वर्ष अप्रैल महीने तक 6,37,060 किलो चाय का उत्पादन किया है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,80,100 किलो चाय का उत्पादन हुआ था। गुवाहाटी चाय नीलामी केंद्र (जीटीएसी) में मूल्य की वसूली भी पिछले साल की तुलना में 15-19 रुपये प्रति किलो अधिक रही है। उदाहरण के लिए, पिछले साल ब्रह्मपुत्र वैली के सीटीसी की औसत कीमत प्रति किलो 71.90 रुपये थी जो इस साल 89.60 रुपये रही है।
इसी प्रकार पारंपरिक और बराक वैली (दक्षिणी असम) के चाय की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। कोलकाता के नीलामी केंद्र में भी असम के चाय की कीमत लगभग 15 रुपये अधिक है। असम चाय उद्योग मूल्य में हुई वृध्दि को लेकर काफी उत्साहित है क्योंकि साल 1999 से दो वर्षों की कीमतों में इतना फर्क देखने को नहीं मिला था।
चाय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव दीपांजल डेका ने कहा, ‘जहां तक उत्पादन और मूल्य उगाही का मामला है तो संकेत इस बात के हैं कि यह साल असम चाय के लिए अच्छा साल होगा।’ उन्होंने कहा कि कई वर्षों बाद असम चाय उद्योग इतना बढ़िया कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘अगर अगर यही रफ्तार अगस्त तक बनी रही तो हम कह सकते हैं कि मंदी का दौर समाप्त हो चुका है।’ चाय उद्योग इस बात की गुहार लगा रहा है कि पिछले साल की तरह इस साल बाढ़ से किसी तरह का नुकसान न होने पाए। पिछले साल आई बाढ़ से बराक वैली चाय उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा था।