स्टील की कीमतों में अगस्त से बढ़ोतरी हो सकती है। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में स्टील कंपनियों ने कीमतें न बढ़ाने का जो ‘संघर्षविराम’ किया था, उसकी समय सीमा खत्म होने जा रही है।
दरअसल स्टील कंपनियों की भी अपनी मजबूरी है, क्योंकि स्टील बनाने में काम आने वाले लौह अयस्क की कीमतें नये रेकॉर्ड पर पहुंच गई हैं। चीन की सबसे बड़ी स्टील कंपनी बाओस्टील सोमवार को एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई खान, रियो टिंटो को लौह अयस्क के लिए 95.5 फीसदी अधिक रकम देने पर सहमत हो गई।
इसने उस सौदे के रेकॉर्ड को भी तोड़ दिया है जिसमें ब्राजील की उत्खनन से जुड़ी कंपनी को चीन की एक स्टील कंपनी ने 65 से 71 फीसदी अधिक रकम दी थी। विशेषज्ञ लौह अयस्क की बढ़ती मांग की वजह चीन की मांग में तेजी को बता रहे हैं। भारत भी लौह अयस्क के निर्यातकों में से एक है और यहां भी घरेलू हाजिर कीमतें वैश्विक कीमतों से प्रभावित हो रही हैं।
वैसे कोई भी स्टील कंपनी यह नहीं बता रही है कि कीमतों में कितनी बढ़ोतरी होगी, लेकिन इतना तो तय है कि बढ़ोतरी बहुत ज्यादा होगी। अगर ऐसा हुआ तो केंद्र सरकार के लिए और सिरदर्द बढ़ जाएगा जो कि पहले ही दहाई अंकों में पहुंची महंगाई दर को काबू में करने की कवायद में जुटी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक में स्टील उत्पादों का भार भी 3.63 फीसदी है।
वैसे स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियों को तो उनकी खदानों से ही लौह अयस्क मिल जा रहा है लेकिन एस्सार स्टील, इस्पात इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू स्टील और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को लौह अयस्क बाजार से ही खरीदना पड़ता है। ऐसे में बढ़ती कीमतों से उनकी लागत में इजाफा होना तय है। उनकी मांग का बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के जरिये पूरा होता है।
निगम छत्तीसगढ़, कर्नाटक में तो लौह अयस्क का उत्खनन करता है साथ ही कोरिया में पोस्को और जापानी मिलों से लौह अयस्क का आयात करता है। निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राणा सोम ने कहा है कि उनकी कंपनी जापानी मिलों के साथ किफायती कीमतों पर लौह अयस्क खरीदने की बात कर रही है। उनका कहना है कि बाओस्टील-रियो टिंटो करार से शायद जापानी मिलें भी कीमतें बढ़ाने की बात कर सकती हैं।
उनका मानना है कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही हम घरेलू कीमतों के बारे में कुछ कहने की स्थिति में होंगे। प्राथमिक क्षेत्र की एक स्टील कंपनी का कहना है कि यदि निगम ने अगस्त से पहले लौह अयस्क की कीमतों में वृद्धि की तो हम भी अगस्त से पहले ही कीमतों में इजाफा कर सकते हैं। जेएसडब्ल्यू स्टील के निदेशक (वित्त) शेषागिरी राव कहते हैं कि वैसे तो जुलाई-सितंबर वाली तिमाही में स्टील की मांग अपेक्षाकृत कम होती है लेकिन फिर भी इस साल स्टील की कीमतों में तेजी ही आएगी।
उनका कहना है कि दबाव की वजह से देश में तो कीमतें कम ही हैं नहीं तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में हॉट -रॉल्ड कॉयल्स की कीमतें 350 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई हैं। कुछ कंपनियों का कहना है कि जून के पहले हफ्ते में कोक की कीमतें 610 डॉलर प्रति टन थीं जो अब बढ़कर 670 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई हैं।